बेरोजगार अध्यापक 11 को मोती महल घेरेंगे

रोजगार की मांग को लेकर डीसी कार्यालय के समक्ष बैठे बेरोगार अध्यापकों ने किया प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 09:52 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 09:52 PM (IST)
बेरोजगार अध्यापक 11 को मोती महल घेरेंगे
बेरोजगार अध्यापक 11 को मोती महल घेरेंगे

जागरण संवाददाता, संगरूर :

रोजगार की मांग को लेकर डीसी कार्यालय के समक्ष बैठे बेरोगार ईटीटी व टीईटी पास अध्यापकों को संघर्ष 96वें दिन भी जारी रहा। बेरोजगार अध्यापकों ने एलान किया कि पंजाब सरकार व प्रशासन उनकी मांगे न मानने के रोष में 11 अप्रैल को मोती महल का घेराव किया जाएगा। बेरोजगार अध्यापक अलविदर सिंह, नरिदरपाल सिंह, हरपाल सिंह, सुरिदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार मोदी सरकार की तरह विभिन्न विभागों में निजीकरण की नीति लाकर सरकारी विभागों को खत्म करना चाहती है। सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में पोस्टें खत्म की जा रही हैं। महामारी की आड़ में स्कूल, कालेज बंद किए जा रहे हैं। हक मांगने वाले मुलाजिमों व अध्यापकों पर लाठीचार्ज कर उनकी आवाज बंद करने की कोशिश की जा रही है, जिसे कभी बर्दाशत नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोती महल के घेराव दौरान यदि काई घटना होती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार व प्रशासन की होगी।

सरपंच को थाने लाने के विरोध में ग्रामीणों ने थाने समक्ष लगाया धरना

संवाद सूत्र, भवानीगढ़ (संगरूर)

नजदीकी गांव भट्टीवाल कलां के मुअत्तल किए सरपंच जसकरण सिंह लैंपी को स्थानीय पुलिस द्वारा थाने लाने पर गांव निवासियों द्वारा थाने का घेराव कर प्रशासन व शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की की। सरपंच की पत्नी मनिदर कौर व पिता नंबरदार दर्शन सिंह ने कहा कि कुछ दिन पहले सड़क हादसे को लूट की घटना बताकर सरपंच पर झूठा मामला दर्ज किया गया था। इस पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से आगामी जमानत मिलने के बावजूद पुलिस जबरदस्ती सरपंच को थाने ले आई। इसके रोष में लोगों ने थाने समक्ष धरना लगाया है। करीब ढाई घंटे लगे धरने दौरान पुलिस द्वारा सरपंच को छोड़ दिया गया। सरपंच जसकरण सिंह ने कहा कि उसे पर कांग्रेसी नेता के कहने पर झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इससे पहले धरने में पहुंची आप नेता नरिदर कौर भराज ने कांग्रेस पर आरोप लगाए। इस संबंधी थाना मुखी इंस्पेक्टर गुरदीप सिंह संधू ने कहा कि सरपंच जसकरण सिंह पर लूट का मामला दर्ज है। इसलिए उसे थाने में बुलाया गया था। उन्हें सरपंच को हाईकोर्ट की तरफ से मिली जमानत संबंधी कोई जानकारी नहीं थी।

chat bot
आपका साथी