ट्रक यूनियन को लगाया ताला, दो दिन से नहीं हुई पुकार
द दशमेश ट्रक आपरेटर यूनियन में प्रधान व ट्रक आपरेटरों को उनकी मेहनत की कमाई न मिलने के छिड़े विवाद को लेकर ट्रक आपरेटरों का धरना प्रदर्शन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, संगरूर
द दशमेश ट्रक आपरेटर यूनियन में प्रधान व ट्रक आपरेटरों को उनकी मेहनत की कमाई न मिलने के छिड़े विवाद को लेकर ट्रक आपरेटरों का धरना प्रदर्शन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। ट्रक यूनियन के समूह ट्रक आपरेटरों ने यूनियन के मुख्य गेट व दफ्तर को भी ताला लगा दिया। ट्रक आपरेटरों ने कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला व जिला प्रधान राजिदर राजा बीरकलां के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। यूनियन के सदस्यों ने ट्रक यूनियन के कार्यों में सत्ताधारियों की हस्तक्षेप को गलत ठहराया। साथ ही एलान किया कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रधान मंजूर नहीं करेंगे, बल्कि यूनियन के बीच से ही वोटिग या सर्वसम्मति से प्रधान चुना जाना चाहिए। मौजूदा प्रधान भी ट्रक आपेरटरों का लाखों रुपये लेकर गायब है।
पूर्व प्रधान कुलविदर सिंह लाली ने कहा कि 21 फरवरी को पिछले वर्ष कांग्रेस द्वारा बनाए प्रधान की प्रधानगी का कार्यकाल समाप्त हो गया था। ट्रक यूनियन के 500 से अधिक आपरेटरों ने फैसला किया था कि बाहर से किसी व्यक्ति को लाकर उनका प्रधान न बनाया जाए। ट्रक यूनियन के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से या चुनाव करके यूनियन का प्रधान बनाने की स्कीम थी। उन्होंने कहा कि कोई समय था जब उनको 10-10 हजार लाभ बांटा जाता था अब उन्हें पैसे देने की बजाए उनके पैसे काटे जाते हैं। कोई भी प्रधान प्रधानगी पद को छोड़ते समय बनता हिसाब-किताब नहीं देता है। उन्हें पता चला है कि अब फिर सत्ताधारी कांग्रेस द्वारा किसी बाहरी व्यक्ति को यूनियन का प्रधान बनाकर ट्रक आपरेटरों पर थोपा जा रहा है, जिसे वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। तीन वर्ष तक लगातार मतों के हिसाब से प्रधान चयनित किया जाता रहा, लेकिन अब प्रधान थोपा जाने लगा है।
इस मौके पर सुखा राजगढ, जगदीप कुमार, गुरजंट उपली, गुरमीत सिंह काका, गुरप्रीत सिंह गोलडी, लवली, रजिदर कुमार, भोला सिंह, सागर सिंह लोंगवाल, रजनीश कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
-----------------
सोमवार को भी नहीं हुई पुकार गौर हो कि रोजाना दिन में चार बार ट्रक आपरेटरों को काम देने के लिए होने वाली पुकार दो दिन से नहीं हो पाई है। इस कारण ट्रक सभी यूनियन के भीतर ही खडे़ हैं। ट्रक आपरेटरों ने एलान किया कि जब तक उनका मसला हल नहीं होगा, तब तक वह कामकाज नहीं करेंगे। ट्रक आपरेटरों के इस संघर्ष के कारण ट्रक ट्रांसपोर्ट का काम दो दिन से बंद है।