नाड़ जलाने से झुलसे मेन रोड पर लगे पेड़

धान व गेहूं के सीजन पश्चात किसानों द्वारा खेतों में गेहूं की लिफ्टिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:49 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 09:49 PM (IST)
नाड़ जलाने से झुलसे मेन रोड पर लगे पेड़
नाड़ जलाने से झुलसे मेन रोड पर लगे पेड़

संवाद सूत्र, शेरपुर (संगरूर) :

धान व गेहूं के सीजन पश्चात किसानों द्वारा खेतों में गेहूं के बचे अवशेषों को आग के हवाले किया जा रहा है, ताकि उन्हें गलाने में उनके समय व तेल की बचत हो सके। इसके बीच कहीं न कहीं पर्यावरण का बड़ा नुकसान हो रहा है। आग लगाने से जहां सड़क किनारे व खेतों में खड़े पेड़ जलकर नष्ट हो जाते हैं। वहीं कई बार आग का रुख बदलने से किसानों के खुद का भी नुकसान हो रहा है। इससे उनका बड़े स्तर पर नुकसान होता है, लेकिन किसान फिर भी बगैर सोचे समझे पराली व नाड़ को आग लगा रहे हैं। ऐसे ही शेरपुर से अलाल रोड धंदीवाल व कातरों रोड पर किसानों द्वारा आग लगाए जाने के कारण सैकड़ों पेड़ जलकर काले पड़ गए हैं। जो छोटे पौधे थे वह बिलकुल जलकर भस्म हो गए।

इस पर चिता प्रगट करते हुए क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमी रणजीत सिंह कालाबूला, साहित्यकार जंग सिंह, महिदर प्रताप, पक्षी प्यारे मुहिम के संचालक राजेश कुमार रिखी ने कहा कि कोरोना महामारी दौरान मानवता को पेड़ों की महत्ता का पता चला है। जब उन्हें शुद्ध हवा लेने के लिए लोहे के सिलेंडरों का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि पेड़ न बचे को मानवता खत्म हो जाएगी। जिसकी मिसाल दुनिया पिछले सवा साल से देख रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह पर्यावरण व खुद की सुरक्षा हेतु खेत में आग न लगाए। इस संबंधी वन रेंज अफसर अजीत सिंह ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों की डयूटी लगा दी है।

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