मूनक लूटपाट का तीसरा लुटेरा भी गिरफ्तार

शहर में अग्रवाल धर्मशाला के सामने मौजूद आढ़ती की दुकान पर गत बुधवार देर शाम लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए आए तीन लुटेरों में से फरार हुआ तीसरा लुटेरा भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Feb 2021 04:17 PM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2021 04:17 PM (IST)
मूनक लूटपाट का तीसरा लुटेरा भी गिरफ्तार
मूनक लूटपाट का तीसरा लुटेरा भी गिरफ्तार

संवाद सहयोगी, मूनक (संगरूर)

शहर में अग्रवाल धर्मशाला के सामने मौजूद आढ़ती की दुकान पर गत बुधवार देर शाम लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए आए तीन लुटेरों में से फरार हुआ तीसरा लुटेरा भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित से वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल, पिस्तौल व जिदा कारतूस बरामद किए।

तीसरा लुटेरा सोनू पेंटर उर्फ सतनाम सिंह पेंटर निवासी फतेहगंज पूर्वी जिला बरेली (उत्तर प्रदेश) हाल आबाद पातड़ा फरार हो गया था, जिसे पुलिस ने बस स्टैंड बुशैहरा के समीप से नाकाबदी के दौरान काबू किया है। सोनू पेंटर के पास से पुलिस ने चार जिदा कारतूस 315 बोर, एक मोबाइल फोन बरामद किया है।

------------------- यह था मामला

गत बुधवार देर शाम शहर के मेन बाजार में आढ़ती दर्शन कुमार की पदमावत्ती ट्रेडिग कंपनी पर लूट की वारदात करने के लिए मोटरसाइकिल पर तीन लुटेरे पहुंचे थे। शाम के समय दुकान पर आढ़ती का मुनीम दीपक कुमार व उसका रिश्तेदार गुरमेश्वर दास ही मौजूद थे व दोनों पैसों का हिसाब-किताब लगा रहे थे। लुटेरों देसी कंट्टा दिखाकर नकदी देने को कहा था। मुनीम के शोर मचाने पर आसपास के दुकानदार इकट्ठा होने लगे तो तीनों लुटेरे भाग गए। लोगों ने मौके पर दो लुटेरों राजू निवासी गांव रकछा थाना मंदोली जिला सुजानपुर (उत्तर प्रदेश) हाल आबाद पातड़ा, पुष्पराज उर्फ फोटू सिंह निवासी फतेहगंज जिला बरेली (उत्तर प्रदेश) हाल आबाद पातड़ा को पकड़कर जमकर पिटाई की व पुलिस के हवाले कर दिया था।

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यह वारदातें कबूलीं

नौ जनवरी को खनौरी में चीनी व घी के थोक व्यापारी की दुकान से दो लाख 38 हजार रुपये व 19 जनवरी को दिड़बा में परचून की दुकान से 21 हजार रुपये। ---------------------

शाम को करते थे वारदात, नकदी पर रहती थी नजर

डीएसपी रोशन लाल ने बताया कि तीनों लुटेरे पेंट व सफेदी करने का काम करते थे। इसी काम की आढ़ में वह दुकानों की रेकी करते रहते थे। शाम के समय आढ़ती व व्यापारियों की दुकान पर नकदी इकट्ठी होने की भनक इन्हें लगी रहती थी, जिस कारण यह शाम के समय वारदात को अंजाम देते थे। खनौरी, दिड़बा व फिर मूनक में एक ही तरह की तीन वारदातों को उक्त गिरोह ने अंजाम दिया। दिड़बा में आढ़ती की दुकान पर भी यह लोग सफेदी का काम करके गए थे, जिसके चलते मुनीम ने लुटेरों को तुरंत पहचान लिया था।

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