विकास की बलि चढ़ी हरियाली, फिर काटे जा रहे पेड़

शहर के काली माता मंदिर के सामने से दशकों पुराने काटे गए विशालकाय हरे भरे पेड़ों का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब जीजीएस स्कूल रोड पर हरे भरे पेड़ों की बली ली जा रही है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 04:04 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 04:04 PM (IST)
विकास की बलि चढ़ी हरियाली, फिर काटे जा रहे पेड़
विकास की बलि चढ़ी हरियाली, फिर काटे जा रहे पेड़

मनदीप कुमार, संगरूर

शहर के काली माता मंदिर के सामने से दशकों पुराने काटे गए विशालकाय हरे भरे पेड़ों का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब जीजीएस स्कूल रोड पर हरे भरे पेड़ों की बली ली जा रही है। दर्जनों पेड़ों पर पिछले तीन दिन से पीला पंजा चल रहा है व पेड़ों को काटकर फेंक किया गया है। सड़कों को नवीनीकरण के नाम पर पेड़ों की यह अंधाधुंध कटाई का दौर लाख कोशिशों के बाद भी बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। बेशक काली माता मंदिर के सामने से काटे गए पेड़ों का मामला एनजीटी के ध्यान में आने के बाद संगरूर की अदालत में विचाराधीन है, कितु इसी बीच अब पटियाला बाईपास रोड से नानकियाना चौक तक पेड़ों की कटाई शुरू हो गई है। सड़क को चौड़ा करने का काम शुरू

संगरूर के पटियाला बाईपास से नानकियाना चौक की तरफ सड़क को चौड़ा करने का काम आरंभ किया जा रहा है। जीजीएस स्कूल के सामने से गुजरते गंदे नाले को भी कवर कर दिया गया है। सड़क के दोनों तरफ से चौड़ाई को बढ़ाया जा रहा है तथा इसके लिए बकायदा बिजली के खंभों को भी हटाकर पीछे किया जा रहा है। अनुमान है कि इस रोड को चहुमार्गीय बनाया जाएगा, ताकि ट्रैफिक की समस्या व सड़क हादसों को रोका जा सके। नाले को कवर किए जाने के बाद काफी जगह मिल गई है, जिसे रोड के अधीन लाना जाएगा।

सात करोड़ रुपये होंगे खर्च, साथ बनेगा साइकिल पाथ

लोक निर्माण विभाग के एसओ नवीन मित्तल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मार्ग के प्रोजेक्ट पर सात करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। डबल रोड बनाया जाएगा, जिसके मध्य में डिवाइडर का निर्माण होगा, ताकि दोनों तरफ से वाहन अलग-अलग चल सकें व किसी प्रकार की ट्रैफिक समस्या पेश न आए। साथ ही नाले वाली जगह पर साइकिल पाथ बनाया जाएगा। साइकिल चलाने वाले चालकों को हादसे से बचाने के लिए इसका अलग से निर्माण होगा। संगरूर शहर का यह पहला साइकिलिग पाथ होगा, जबकि अन्य सड़कों पर फुटपाथ के साथ ही साइकिलिग पाथ का अभाव हैं, जिस कारण साइकिल चालक मजबूरन सड़क पर ही साइकिल चलाते हैं, जिस कारण कई बार हादसों का डर भी बना रहता है।

पेड़ों की कटाई पर वन विभाग भी चुप

जंगलात विभाग के अधिकारी हरमीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पटियाला बाईपास से नानकियाना रोड तक का रोड लोक निर्माण विभाग के अधीन है। इनके किनारों पर लगे पेड़ों की कटाई भी लोक निर्माण विभाग द्वारा ही करवाई जा रही है। जंगलात विभाग का इसमें कोई अधिकार नहीं है। विभाग के अधीन इलाके में से किसी को भी पेड़ की कटाई करने का अधिकार नही है। शहर निवासियों ने जताई पेड़ों की कटाई पर आपत्ति

पर्यावरण प्रेमी डा. अमनदीप अग्रवाल, इंद्रपाल सिंह, अवतार सिंह ने कहा कि शहर में विकास के नाम पर धड़ल्ले से हरे भरे पेड़ों का कत्ल किया जा रहा है। सरकार एक तरफ वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पौधे लगाने का संदेश दे रही है, जबकि दूसरी तरफ वर्षों पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है। पेड़ों की यह कटाई गलत है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। साथ ही पेड़ों की कटाई करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। रोड पर कई दर्जन हरे भरे पेड़ हैं, जिनका सड़क को चौड़ा करने के लिए कत्ल किया जा रहा है।

पहले भी पेड़ों को काटने का मामला अदालत में विचाराधीन

शहर के पटियाला गेट काली माता मंदिर रोड को चौड़ा करने व स्वागती गेट के निर्माण की खातिर दशकों पुराने पेड़ों को काटने का मामला वातावरण प्रेमी जयइंद्र कौर द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल के समक्ष भी उठाया गया है। इस मामले की सुनवाई अब एनजीटी के आदेशों पर स्थानीय अदालत में विचार आधीन है। जयइंद्र कौर का कहना है कि विकास के नाम पर शहर की हरियाली को खत्म किया जा रहा है। गुरुद्वारा शाही समाध नाभा गेट बाहर स्वागती गेट के निर्माण के लिए भी विशाल पेड़ को काटा गया। अब पटियाला बाईपास रोड पर पेड़ों की कटाई दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे रोका जाना चाहिए।

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