खत्म हुआ परिवार का इंतजार, तिरंगे में लिपटकर पहुंचा अमृतपाल
अरुणाचल प्रदेश के गांव मनीगौंग के नजदीक सियोम नदी में गिरने से शहीद हुए भारतीय फौज की 31 फील्ड यूनिट रेजीमेंट के हवलदार अमृतपाल सिंह का सोमवार को उनके गांव खेड़ी के श्मशानघाट में सरकारी सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, संगरूर
अरुणाचल प्रदेश के गांव मनीगौंग के नजदीक सियोम नदी में गिरने से शहीद हुए भारतीय फौज की 31 फील्ड यूनिट रेजीमेंट के हवलदार अमृतपाल सिंह का सोमवार को उनके गांव खेड़ी के श्मशानघाट में सरकारी सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद का पार्थिव शरीर रविवार देर रात गांव पहुंचा। पारिवारिक सदस्यों व गांव निवासियों की आंखें नम हो गईं। मुख्य अफसरों ने फूलमालाओं से श्रद्धांजलि भेंट की। 12 वर्षीय बेटे गुरसेवक सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। सेना के जवानों ने हथियार उल्टे करके गार्ड आफ आनर देते हुए फायर किए व शहीद को सलामी दी। जिला प्रशासन की तरफ से एसडीएम संगरूर यशपाल शर्मा व डीएसपी सतपाल शर्मा ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
भाई हरविदर सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह वर्ष 2001 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। ड्यूटी के दौरान अचानक पैर फिसलने से वह नदी में जा गिरा व एक माह बाद वह मृतक पाया गया। उसकी मौत से पूरा परिवार बिखर-सा गया है। उसका बेटा गुरसेवक सिंह स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र है व बुजुर्ग मां बाप उसके घर लौटने का इंतजार कर रहे थे। परिवार उसकी सलामती की दुआ कर रहा था कि वह कहीं से भी जिदा मिल जाएं, लेकिन परिवार का इंतजार आज इस अनहोनी से खत्म हो गया।
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50 लाख की मदद व एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी : सीएम
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा शहीद हवलदार अमृतपाल सिंह के परिवार को 50 लाख रुपये एक्सग्रेशिया व एक सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया गया है। उन्होंने परिवार से संवदेना व्यक्त करते हुए कहा कि देश की अखंडता व रक्षा हेतु दी गई कुर्बानी उनके साथियों को ओर मजबूती से फर्ज निभाने को प्रेरित करेगी। बता दें कि शहीद अमृतपाल सिंह आठ अप्रैल को अरूणाचल प्रदेश के गांव मनीगोंग समीप ड्यूटी के दौरान पैर फिसलने से नजदीकी सियोम नदी गिर गया था, जिसे सात मई को मृत पाया गया।