गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों का संघर्ष जारी

स्थानीय ऊधम सिंह सरकारी कालेज में काम करते गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों द्वारा नौकरी को सुरक्षित करने के लिए कालेज के बाहर दिए जा रहे धरने में पूर्व मंत्री बलदेव सिंह मान शामिल हुए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 04:10 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 04:10 PM (IST)
गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों का संघर्ष जारी
गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों का संघर्ष जारी

संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : स्थानीय ऊधम सिंह सरकारी कालेज में काम करते गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसरों द्वारा नौकरी को सुरक्षित करने के लिए कालेज के बाहर दिए जा रहे धरने में पूर्व मंत्री बलदेव सिंह मान शामिल हुए। उन्होंने प्रोफेसरों की जायज मांगों संबंधी जानकारी हासिल कर प्रत्येक मदद का आश्वासन दिया। मान ने कहा कि कांग्रेस सरकार मुलाजिमों से रोजगार देने के झूठे वादे कर रही है। पंजाब में अकाली-बसपा गठजोड़ बनने के बाद मुलाजिमों से संबंधित मुद्दे हल किए जाएंगे। उनके साथ अकाली नेता विन्नरजीत सिंह खड़ियाल, प्रभशरन सिंह, हरिदर सिंह, केसर सिंह, परमजीत सिंह मौजूद थे।

हड़ताल पर बैठे गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर कुलदीप सिंह, रमनदीप सिंह, चमकौर सिंह व मनजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार के सरकारी कालेजों में भर्ती के विज्ञापन ने उन्हें चिता में डाल दिया है। इस मौके प्रो. परमिदर कौर, प्रो. धरमिदर सिंह, प्रो. मुनीता जोशी, प्रो. प्रभजीत कौर, प्रो. सिमरनजीत कौर, प्रो. मोहम्मद अनवर, प्रो. मनप्रीत कौर, सुमित शर्मा आदि मौजूद थे। --------------------- पोस्टों में आरक्षण कोटे को नजरंदाज करने पर सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन संवाद सूत्र, धूरी (संगरूर)

शिक्षा विभाग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसरों की निकाली पोस्टों में आरक्षण कोटे को नजरअंदाज करने पर भगवान वाल्मीकि दलित चेतना मंच द्वारा राष्ट्रीय प्रधान विक्की परोचा की अगुर्वाइ में एसडीएम धूरी इशमित विजय सिंह को मुख्यमंत्री पंजाब के नाम ज्ञापन सौंपा। विक्की परोचा ने कहा कि शिक्षा विभाग ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की 1091 पोस्टों के विज्ञापन निकाले हैं, जिनमें मजबी सिख व वालमीकि समाज के 12.5 प्रतिशत कोटे को नजरअंदाज कर दिया गया है। ऐसे फैसले से दोनों वर्ग व पछड़ जाएंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार पुराने विज्ञापन को रद्द कर रिजर्वेशन पालिसी मुताबिक नए विज्ञापन जारी करे, यदि ऐसा न हुआ तो संघर्ष किया जाएगा।

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