सरकार पर बरसे भाकियू व खेत मजदूर संगठन

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां व पंजाब खेत मजदू संगठनों के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 02:00 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:15 AM (IST)
सरकार पर बरसे भाकियू व खेत मजदूर संगठन
सरकार पर बरसे भाकियू व खेत मजदूर संगठन

संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां व पंजाब खेत मजदूर यूनियन द्वारा राज्य की 14 संगठनों के आह्वान पर ब्लाक अध्यक्ष जसवंत सिंह तोलावाल की अध्यक्षता में एसडीएम कार्यालय समक्ष धरना लगाया गया। धरने दौरान यूनियन के जिलाध्यक्ष अमरीक सिंह गंढुयां ने धरने का मुख्य मुद्दा कोरोना के मद्देनजर अस्पतालों में घटिया प्रबंध, किसानों-मजदूरों की अहम मांगों प्रति सरकार के रवैये पर भड़ास निकाली। इस उपरांत धरनाकारियों द्वारा मांगों संबंधी प्रशासनिक अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया।

धरने दौरान अमरीक सिहं गंढ़ुआं ने कहा कि कोरोना वायरस की भयानक बीमारी के मद्देनजर जनता के बचाव के लिए सरकारों ने अग्रिम प्रबंध नहीं किए, जबकि सरकारें सेहत सुविधाओं के नाम समय-समय पर बड़े-बड़े दमगजे मारती रही हैं। कोरोना बीमारी के हमले के चलते बिना किसी तैयारी के देश भर में लॉकडाउन लागू कर दिया, जिससे लोगों के कारोबार बुरी तरह से ठप होकर रह गए। लोग आर्थिक तौर पर कमजोर हो गए व लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करना भी मुश्किल रहा। उन्होंने कथित कोरोना पॉजिटिव मरीजों को तुरंत सरकारी व प्राईवेट अस्पतालों में भर्ती करने, प्राईवेट अस्पतालों को सरकार अपने कब्जे में लेकर उसमें कोरोना व अन्य जरूरतमंदों का इलाज सरकारी खर्च पर करने, छोटे-बड़े डाक्टरों, सेहत कर्मियों, आशा वर्करों व आंगनबाडी वर्करों का 50 लाख रुपये का बीमा करने, नाममात्र वेतन पर कार्यरत वर्करों के वेतन बढ़ाने, बड़े कारपोरेट घरानों, उद्योगपतियों व भू-माफिया पर टैक्स लगाकर उसे रिकवर करने, पैसे से लॉकडाउन के दौरान हुए किसानों-मजदूरों के नुक्सान की भरपाई यकीनी बनाने, बड़े कारपोरेट घरानों की तर्ज पर किसानों व मजदूरों का कर्जा माफ करने, धान के रेट को रद करके लागत खर्चा लगाकर धान का रेट तय करने, लागत खर्चे के अलावा 50 फीसदी लाभ यकीनी बनाने, धान के सीजन दौरान बिजली मोटरों को 16 घंटे बिजली सप्लाई यकीनी बनाने, धान की लगवाई के लिए लेबर का प्रबंध पंजाब सरकार अपने खर्च पर करे, मजदूरों को इधर-उधर भेजने के लिए पर्याप्त साधनों का प्रबंध करे व लॉकडाउन दौरान मृतकों के परिवारों को योग्य मुआवजा देने की मांग की गई। साथ ही एलान किया कि अगर सरकारों ने उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान न दिया तो आगामी समय में सख्त संघर्ष किए जाएंगे। इस मौके पर रामशरण सिंह उगराहां, सुखपाल माणक, नौजवान भारत सभा के दर्शन सिंह, अजैब जखेपल, गोबिद सिंह चट्ठे, पाल सिंह दौला सिंह वाला आदि उपस्थित थे।

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