बासमती का बढि़या दाम फसल के नुकसान की कर रहा भरपाई
बासमती 1509 क्वालिटी का रेट गत वर्ष के मुकाबले इस बार दोगुना है किसानो को मिल रहा पायदा।
संवाद सूत्र, लहरागागा : बासमती 1509 क्वालिटी का रेट गत वर्ष के मुकाबले इस बार दोगुना है, लेकिन अधिकतर फसल रोग लगने से बर्बाद हो चुकी है। इससे किसानों के हिस्से में केवल निराशा ही पड़ रही है। दूसरी तरफ नरमे की फसल को गुलाबी सुंडी ने तबाह कर दिया है। कुल मिलाकर किसान आर्थिक तौर पर कमजोर हुआ है। बता दें कि बासमती धान का रेट गत वर्ष 1600 रुपये था, जो इस बार 3200 रुपये प्रति क्विटल तक रहा है। गत वर्ष रेट कम होने से बहुत से किसानों ने बासमती धान को पीली पूसा धान में मिलाकर बेचा था। आगे से बासमति बुआई करने से तौबा कर ली थी। उस समय 1500 से लेकर 1600 से अधिक रेट नहीं मिल सका। इसलिए इस बार बासमती धान की बुआई केवल 25 फीसदी ही है। किसान बलजीत सिंह, राज सिंह, बलजिदर सिंह ने बताया कि दोगुना रेट मिलने से वह खुश नहीं है, क्योंकि उनकी अधिकतर धान बीमारी ने बर्बाद कर दी है। उन्होंने मांग की कि बासमती का मूल्य निर्धारित किया जाए।
इस संबंधी मार्केट कमेटी के चेयरमैन जसविदर सिंह रिपी ने कहा कि इस बार नरमे के रेट प्रति क्विंटल आठ हजार रुपये के पार है। वहीं बासमती 3200 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। परन्तु दोनों फसलें कुदरत की मार के चलते बर्बाद हो गई, लेकिन रेट बढ़ने से किसानों के जख्मों पर मरहम का काम करेगा।
दाम बढ़ने से किसान को फायदा
बासमती के खरीददार आरएस फूड, चमन लाल व ज्ञान चंद ने बताया कि इस बार बासमति की मांग बढ़ने से इसके रेट बढ़े हैं। इससे किसानों को फायदा होगा। परंतु बीमारी लगने से फसल बर्बाद हुई है। उम्मीद है कि मूल्य बढ़ने से नुकसान पूरा हो जाएगा। जीवन कुमार ने कहा कि 1121 बासमती धान के ओर रेट तेज रहेगा।