संगरूर का शिव मंदिर : दीवार से लेकर छत के निर्माण मेंपुरानी ईंटों का इस्तेमाल

शहर में नगर सुधार ट्रस्ट के अधीन चल रहे कार्यों में घपलेबाजी का हर दिन नया मामला सामने आ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 03:51 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 03:51 PM (IST)
संगरूर का शिव मंदिर : दीवार से लेकर छत के निर्माण मेंपुरानी ईंटों का इस्तेमाल
संगरूर का शिव मंदिर : दीवार से लेकर छत के निर्माण मेंपुरानी ईंटों का इस्तेमाल

मनदीप कुमार, संगरूर

शहर में नगर सुधार ट्रस्ट के अधीन चल रहे कार्यों में घपलेबाजी का हर दिन नया मामला सामने आ रहा है। अब शहर की शेखुपुरा बस्ती में प्राचीन शिव मंदिर में करवाए जा रहे निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा पुरानी ईंटों का धड़ल्ले से इस्तेमाल करके नई ईंटों की वसूली ट्रस्ट से ली जा रही है। नगर सुधार ट्रस्ट आंखें मूंदे बैठा है। ट्रस्ट बिना इन कार्यों की समीक्षा किए ठेकेदारों को फंडों की बंदरबांट करने में जुटा है। नगर सुधार ट्रस्ट के अधिकारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। सीधे शब्दों में कहें तो नगर कौंसिल संगरूर की बजाए नगर सुधार ट्रस्ट के हाथ जब से शहर के विकास की कमान सौंपी गई है, तब से शहर में विकास के नाम पर न केवल लीपापोती चल रही है, बल्कि विभिन्न कार्यों के लिए आए फंडों को पानी में बहाया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि शेखुपुरा बस्ती में मौजूद शिव मंदिर को अपग्रेड किया जा रहा है। ऐसे में दीवार से लेकर मंदिर की छत के निर्माण में भी पुरानी ईंटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आधी दीवार का पुरानी ईंटों से निर्माण करने के बाद ऊपर नई ईंटें लगाई गई हैं। छत पर भी पुरानी टाइल ईंटों का फर्श लगाया जा रहा व बाकी जगह पर नई ईंटें लगा गई हैं। छत पर लगी पुरानी ईंटों को छिपाने की खातिर उन पर पलस्तर भी कर दिया गया है, जबकि ट्रस्ट के अधिकारियों को दिखाने के लिए नई लगाई गई ईंटों को छोड़ दिया गया है।

गौर हो कि मंदिर में बन रही इमारत में से पुरानी ईंट व टाइलें इत्यादि निकली थी, जिसे इमारत में ही जगह-जगह खपा दिया गया है। कहने को निर्माण कार्य में नई व बढि़या क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किए जाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन असल में पुराने माल को भी इस कार्य में लगा दिया है। ----------------------

- पुरानी ईंटें बिकती नहीं, बाद में कर लेंगे पेमेंट एडजस्ट : ठेकेदार

शिव मंदिर में चल रहे कार्य के ठेकेदार राजविदर कुमार ने माना कि निर्माण कार्य में कुछ जगह पुरानी ईंटें लगाई गई हैं। पुरानी ईंटे बिकती नहीं हैं, इसलिए यह लगा दी गई हैं। पचास फीसद काम हो गया है। पेमेंट भी ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। जब उनसे पुरानी ईंटें लगाने के एवज में पेमेंट लेने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट संपन्न होने के बाद पेमेंट में एडजस्टमेंट करवा लेंगे।

-------------------- - शहर के बाद अब धार्मिक स्थल पर भी घपलेबाजी : सरजीवन

वार्ड के पूर्व पार्षद व भाजपा के सीनियर नेता सरजीवन जिदल ने कहा कि नगर सुधार ट्रस्ट के अधीन शहर भर में हो रहे कार्यों के दौरान धांधली के आरोप लग रहे हैं व अब धार्मिक स्थल को भी नहीं बख्शा गया। उन्हें उक्त कार्य में पुरानी ईंटें लगाने की शिकायत मिली थी। वह खुद मौके का जायजा लेंगे। इसकी जांच की मांग करेंगे। लोक निर्माण मंत्री के शहर में इस प्रकार के घोटाले न केवल मंत्री की छवि को धुंधला कर रहे हैं, बल्कि ट्रस्ट व ठेकेदारों की मिलीभगत को भी उजागर कर रहे हैं। ---------------------

मंदिर कमेटी के कहने पर बरती ईंटें, ट्रस्ट देगी केवल लेबर कोस्ट : एसडीओ

नगर सुधार ट्रस्ट के एसडीओ बलजीत कांसल का कहना है कि मंदिर कमेटी के कहने पर ठेकेदार ने पुरानी सामग्री का इस्तेमाल किया है। इसकी ठेकेदार को केवल लेबर कोस्ट से ही अदायगी की जाएगी, माल की अदायगी नहीं होगी। ट्रस्ट पूरी पारदर्शिता से काम करवा रहा है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही अदायगी की जाएगी।

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