कारोबारियों पर लटक रही टीसीएस की तलवार
सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) एक अक्टूबर से लागू होने वाले टीसीएस को लेकर उद्यमी परेशान।
संवाद सूत्र, सुनाम ऊधम सिंह वाला (संगरूर) : एक अक्टूबर से लागू होने वाले टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) टैक्स से कारोबारियों में खलबली मच गई है। जबकि इसे वापस लेने की मांग उद्योगपतियों द्वारा जोरशोर से की जा रही है। संगरूर डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री चैंबर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को पत्र लिखकर उक्त फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है। चैंबर के जिलाध्यक्ष घनश्याम कांसल व चेयरमैन डॉ. एआर शर्मा ने कहा कि दस करोड़ रुपये से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर वाले कारोबारियों पर केंद्र सरकार ने टीसीएस टैक्स लगाया है। इस टैक्स ने कारोबारियों, लघु व मध्यवर्गीय उद्यमियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस नई व्यवस्था से समूचे उद्योग जगत व कारोबारियों पर बुरा असर पड़ेगा। सरकार ने पहले ही टैक्स की इतनी औपचारिकताएं बढ़ा दी हैं कि कारोबारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। घनश्याम कांसल ने कहा कि अभी जीएसटी रिफंड को लेकर दिक्कतों का समाधान नहीं हुआ है व ऐसे में इस नए फैसले से कारोबारियों की कमर टूट जाएगी।
नए प्रावधान में यदि किसी खरीददार को 50 लाख रुपये का माल बेचा जाता है तो 50 लाख रुपये से ज्यादा बिक्री पर बिल में ही टीसीएस टैक्स सरकार को जमां करवाना होगा। कोविड-19 की वजह से पहले की कारोबार जगत बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है है। पिछले छह माह से उद्यमी परेशान हैं। ऊपर से नया टैक्स का बोझ डाला जा रहा है। ऐसे टैक्सों हेतु आंकड़े जुटाने के लिए कारोबारियों को आर्थिक माहिरों को रखना पड़ेगा, जिससे खर्च अधिक बढ़ेगा। यदि सरकार ने कारोबारियों को ऐसे ही उलझाए रखा तो कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा। उद्यमियों की दिक्कतों को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से इस फैसले को वापस लेने की मांग उठाई गई है। अगर इस फैसले को वापस न लिया गया तो सख्त कदम उठाया जाएगा।