कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का पक्का मोर्चा लगातार जारी
संयुक्त किसान मोर्चा की हिदायतें पर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ भी धरना 256वें दिन में शामिल हो गया है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
संयुक्त किसान मोर्चा की हिदायतें पर केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ भी धरना 256वें दिन में शामिल हो गया है। धरने की अध्यक्षता दरबारा सिंह नागरा ने की। उन्होंने कहा कि धान का कम से कम रेट 500 रुपये प्रति क्विटल विस्तार किया जाए। धान की लगवाई शुरू हो गई है। कृषि के लिए बिजली सप्लाई दस घंटे दी जाए। आंधी तूफान से बिजली के खंभों का नुक्सान हुआ है। सरकार स्पेशल स्टाफ लगाकर बिजली सप्लाई चालू करे, जिससे किसानों को बिजली निर्विघ्न मिल सके। किसानों की मक्का की फसल कौड़ियों के भाव खरीदी जा रही है।
किसान देश का अन्नदाता है, जो पिछले 256 दिन से सड़कों पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि खेती कानून रद होने तक धरना जारी रहेगा। धरने पर मग्घर सिंह उभावाल, शीतल सिंह कलौदी, लक्ष्मी चंद संगरूर, महेंद्र सिंह भट्ठल, जोगिदर सिंह सराओ, स्वर्णजीत सिंह संगरूर, हरजीत सिंह कलौदी, संगरूर रघबीर सिंह छाजली, महेंद्र सिंह संगरूर, राम सिंह सोहयां, निर्मल सिंह, मुख्तियार सिंह कलौदी, रोही सिंह मंगवाल, गुरकीरत सिंह चुबकी, डा अमनदीप गोसल आदि उपस्थित थे।
उधर, लहरागागा में लोग चेतना मंच लहरागागा द्वारा किसानी संघर्ष के हक में नहर के पुल पर रोष प्रदर्शन किया गया। मंच के सदस्यों ने हाथों में किसानों के हक व केंद्र सरकार के विरोध में तख्ती व बैनर पकड़े हुए थे। उन्होंने राहगीरों का ध्यान दिल्ली में संघर्ष पर बैठे किसानी संघर्ष की तरफ खींचा। मंच के सचिव हरभगवान गुरने व जगदीश पापड़ा ने बताया कि इस प्रदर्शन का मकसद लोगों को जागृत कर किसानी संघर्ष से जोड़ना है। गुरचरण सिंह, रघबीर भुटाल, सुखदेव चंगालीवाला, जसविदर गागा, भीम सिंह, बरिदर सिंह, गुरप्रीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में इमरजेंसी से भी बदतर हालात बना रखे हैं।