दूसरे दिन भी सरकारी बसों का पहिया जाम
रेगुलर करने की मांग को लेकर मुकम्मल हड़ताल पर चल रहे पंजाब रोडवेज/पनबस व पीआरटीसी के समूह डिपुओं के कच्चे मुलाजिमों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
जागरण संवाददाता, संगरूर
रेगुलर करने की मांग को लेकर मुकम्मल हड़ताल पर चल रहे पंजाब रोडवेज/पनबस व पीआरटीसी के समूह डिपुओं के कच्चे मुलाजिमों की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। मुलाजिमों ने बस स्टैंड पर धरना लगाकर पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।
संगरूर डिपो के 250 कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल के कारण संगरूर डिपो की 107 बसों में से 17 बसें ही चल पाईं, जबकि बाकी बसें बस स्टैंड व वर्कशाप परिसर में खड़ी हैं। बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में यात्रियों को घंटा भर इंतजार करना पड़ा। कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल के कारण जहां बस परिवहन प्रभावित है, वहीं बस पास बनाने का काम भी ठप पड़ा हुआ है। रोजाना सफर करने वाले यात्रियों को परेशानियों का कामना करना पड़ रहा है।
संगरूर डिपो प्रधान जसिवंदर सिंह, सचिव सुखजिदर सिंह, चेयरमैन लखविदर सिंह, मनप्रीत सिंह, खजांची रणजीत सिंह, उपप्रधान रणदीप सिंह ने कहा कि बरनाला डिपो के जनरल मैनेजर द्वारा हड़ताल पर बैठे मुलाजिमों को नौकरी से निकालने की धमकियां दी जा रही हैं। पनबस व पीआरटीसी के कच्चे मुलाजिमों को पक्का न करने के रोष में पहले बस स्टैंड बंद कर धरने देकर सरकार व मैनेजमेंट के पुतले फूंके गए, फिर भी हल नहीं निकाला गया। नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मुलाजिमों पर दबाव डाला या मांगों का हल न किया तो आने वाले समय में नेशनल हाईवे पर चक्का जाम सहित रोष प्रदर्शन शुरू किए जाएंगे।
--------------------- बैठक तय होने पर सीएम का घेराव स्थगित
यूनियन के राज्य नेता जतिदर सिंह गिल, परमिदर सिंह टिब्बा ने कहा कि मंगलवार को पंजाब सरकार को जगाने के लिए सिसवा फार्म हाउस व मोती महल के घेराव का प्रोग्राम तय किया गया था, जिसे आठ सितंबर को प्रमुख सचिव पंजाब से बैठक तय होने के चलते रद कर दिया गया है। ------------------
ये हैं मांगें पंजाब रोडवेज पनबस व पीआरटीसी में कम से कम दस हजार बसें डाली जाएं, कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाए, बराबर काम बराबर वेतन दिया जाए, रिपोर्ट की कंडीशन रद्द कर मुलाजिम बहाल की जाए।
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दो दिन में बीस लाख रुपये का नुकसान अड्डा इंचार्ज मलकीत सिंह ने बताया कि दो दिन से बसें न चलने की वजह से पीआरटीसी संगरूर डिपो को करीब बीस लाख रुपये का नुकसान हो गया है। वहीं लंबे रूटों पर बसें नहीं चल पाई हैं, जिस कारण लोगों को मजबूरन निजी बसों का सहारा लेना पड़ा। दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़ के रूटों पर इक्का-दुक्का बसें ही चल पाई हैं जबकि रोजाना इन रूटों पर दर्जन भर बसें दौड़ती थीं।