नगर कौंसिल संगरूर ने एक दशक से सफाई सेवकों को नहीं किया पीएफ का भुगतान, आयोग ने दिया अल्टीमेटम

नगर कौंसिल संगरूर द्वारा सफाई कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) की करोड़ों रुपये की बकाया राशि का भुगतान पिछले करीब एक दशक से न किए जाने का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दरबार में पहुंच चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 10:11 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 10:11 PM (IST)
नगर कौंसिल संगरूर ने एक दशक से सफाई सेवकों को नहीं किया पीएफ का भुगतान, आयोग ने दिया अल्टीमेटम
नगर कौंसिल संगरूर ने एक दशक से सफाई सेवकों को नहीं किया पीएफ का भुगतान, आयोग ने दिया अल्टीमेटम

जागरण संवाददाता, संगरूर : नगर कौंसिल संगरूर द्वारा सफाई कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) की करोड़ों रुपये की बकाया राशि का भुगतान पिछले करीब एक दशक से न किए जाने का मामला राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के दरबार में पहुंच चुका है। बेशक आयोग ने पहले भी इस राशि के भुगतान के आदेश नगर कौंसिल संगरूर को नोटिस के जरिये दिए थे, लेकिन नगर कौंसिल संगरूर द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए नगर कौंसिल को दोबारा एक सप्ताह का समय देते हुए नोटिस जारी किया है। आयोग ने सख्त हिदायत दी कि सफाई सेवकों को उनका बनता पीएफ जल्द जारी किया जाए, अन्यथा नगर कौंसिल संगरूर के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।

नगर कौंसिल संगरूर के पूर्व पार्षद व भाजपा के वरिष्ठ नेता जतिदर कालड़ा ने बताया कि उन्होंने नगर कौंसिल संगरूर के सफाई सेवकों को पिछले करीब एक दशक से पीएफ की राशि न मिलने की शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से की थी। इस शिकायत के आधार पर अब आयोग ने नगर कौंसिल संगरूर को लिखित पत्र जारी किया है। पत्र में कौंसिल को सख्त हिदायत दी गई है कि वह तुरंत सफाई सेवकों का पिछले एक दशक का बकाया उनके खाते में जमा करवाए। कालड़ा ने बताया कि आयोग ने कौंसिल को आदेश दिए हैं कि पीएफ की राशि जमा न करवाने के एवज में कौंसिल के खिलाफ बनती कार्रवाई पर अमल किया जाएगा। कौंसिल की अनदेखी के चलते आयोग ने दोबारा से सात दिन का नोटिस जारी किया है। जनरल वर्ग के मुलाजिमों का पीएफ हो रहा जमा

कालड़ा ने बताया कि हैरानी की बात यह है कि नगर कौंसिल के अधिकारी जनरल व अनुसूचित जाति के मुलाजिमों के बीच पक्षपात कर रही है। जनरल वर्ग के मुलाजिमों के पीएफ उनके खेतों में निरंतर जमा हो रहे हैं, जबकि अनुसूचित जाति से संबंधित मुलाजिमों का पीएफ जमा नहीं करवाया गया। कौंसिल सरासर पक्षपात कर रही है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। बीते समय में सफाई सेवकों द्वारा पीएफ जमा करवाने सहित अन्य मुद्दों के लेकर लंबे समय तक हड़ताल की गई थी, जिस पर सरकार ने सफाई सेवकों की हड़ताल खुलवाने के लिए उन्हें भरोसा दिलाया था कि उनका बकाया पीएफ जमा करवाया जाएगा व कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाएगा, लेकिन एक माह का समय गुजर जाने के बाद भी इस पर अमल नहीं हुआ। करोड़ों रुपये की राशि है बकाया

सफाई सेवकों का कहना है कि उनके खातों में पीएफ की राशि जमा हुए लंबा समय गुजर गया है और नगर कौंसिल की तरफ करोड़ों रुपये की पीएफ राशि बकाया है। वे पिछले लंबे समय से पीएफ की राशि जमा करवाने के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। हर बार उन्हें जल्द पीएफ राशि जमा करवाने का भरोसा दिलाकर संघर्ष को समाप्त करवा लिया जाता है, लेकिन फिर मामला अटक जाता है। उन्होंने पंजाब सरकार व नगर कौंसिल से मांग है कि करोड़ों रुपये की बकाया राशि जल्द सफाई सेवकों के खेतों में जमा की जाए।

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आयोग का नोटिस मिल गया है। पीएफ की बकाया राशि जमा करवाने के लिए नगर कौंसिल की रेलवे लाइनों के समीप मौजूद जगह को बेचने का प्रस्ताव काफी समय पहले ही डाला जा चुका है, जिसकी सरकार द्वारा मंजूरी भी दे दी गई है। राजस्व विभाग को पत्र लिखा गया है। जमीन बेचकर नगर कौंसिल पीएफ की राशि का भुगतान कर सकती है। इसके लिए जल्द कदम उठाए जाएंगे।

-रमेश कुमार, ईओ, नगर कौंसिल, संगरूर।

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