संगरूर को अब मिलेगी सौ फीसद जल सप्लाई व सीवरेज सुविधा..

संगरूर शहर को सौ फीसद जल सप्लाई व सीवरेज सुविधा मुहैया करवाने के लिए प्रोजेक्टों की शुरुआत अकाली-भाजपा सरकार के समय नवंबर 2016 के दौरान 110 करोड़ रुपये के एसटीपी प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 06:30 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 06:30 PM (IST)
संगरूर को अब मिलेगी सौ फीसद जल सप्लाई व सीवरेज सुविधा..
संगरूर को अब मिलेगी सौ फीसद जल सप्लाई व सीवरेज सुविधा..

जागरण संवाददाता, संगरूर

संगरूर शहर को सौ फीसद जल सप्लाई व सीवरेज सुविधा मुहैया करवाने के लिए प्रोजेक्टों की शुरुआत अकाली-भाजपा सरकार के समय नवंबर 2016 के दौरान 110 करोड़ रुपये के एसटीपी प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी। अफसोस की बात है कि आज भी शहर इस सुविधा से वंचित है। रविवार को कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला द्वारा दोबारा से संगरूर शहर में सौ प्रतिशत जल सप्लाई व सीवरेज व्यवस्था मुहैया करवाने के उद्देश्य से 12.15 करोड़ की लागत वाले नए प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रख दिया गया है। शहर निवासियों को एक बार फिर सौ फीसद जल सप्लाई व सीवरेज व्यवस्था का वादा किया जा रहा है। अब देखना होगा कि क्या शहर निवासियों को यह सुविधा मिल पाएगी या यह प्रोजेक्ट भी 110 करोड़ रुपये के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की भांति घोटाले की भेंट चढ़ जाएगा।

उल्लेखनीय है कि विजयइंद्र सिगला ने शहर में सौ प्रतिशत जल सप्लाई व सीवरेज व्यवस्था मुहैया करवाने के लिए 12.15 करोड़ की लागत वाले नए प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखा है। उन्होंने दावा किया कि शहर के बाहरी इलाकों में सौ प्रतिशत पीने वाले पानी की सप्लाई व सीवरेज व्यवस्था के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। आने वाले एक दो दिनों में इस प्रोजेक्ट पर काम आरंभ होगा। यह प्रोजेक्ट जल्द ही पूरा हो जाएगा व लगभग 20 किलोमीटर सीवरेज लाइन व 16 किलोमीटर वाटर सप्लाई के साथ न्यू जीवन नगर, भट्ठल कालोनी, हरेड़ी रोड, बग्गूआना बस्ती, राम नगर, हरिपुरा, सोहियां रोड, इंद्रा कालोनी आदि इलाकों के लोगों को वाटर सप्लाई व सीवरेज लाइन से जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 12.15 करोड़ की लागत आयेगी। ---------------------- 110 करोड़ के प्रोजेक्ट में हुआ फंडों का दुरुपयोग, सरकार व प्रशासन रहा चुप नवंबर 2016 के दौरान 110 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का आरंभ हुआ था, जिसे अठारह माह में पूरा किया जाना था, लेकिन कांग्रेस सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया। प्रोजेक्ट में जहां टेंडर की शर्तों का जमकर उल्लंघन हुआ, वहीं प्रोजेक्ट पूरा करने वाली कंपनी ने शहर को न तो सौ फीसद जल सप्लाई मुहैया करवाई व न ही सीवरेज सुविधा। गलियों का निर्माण भी कई मोहल्लों में नहीं हो पाया। एक हजार लाइटों के लगने वाले पोल साढ़े चार वर्ष में भी नहीं लग पाए। सीधे शब्दों में कहें तो प्रोजेक्ट के फंडों का सीवरेज बोर्ड व संबंधित कंपनी ने जमकर दुरुपयोग किया। ----------------------

सरकार व प्रशासन से जांच की गुहार लगाई थी। जांच में सीवरेज बोर्ड व संबंधित कंपनी की लापरवाही खुलकर सामने आई, लेकिन कार्रवाई करने की बजाए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। --जतिदर कालड़ा, समाजसेवी

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