संगरूर नगर कौंसिल का चुनाव अटका, मायूस हुए दावेदार
कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला के हलका संगरूर की नगर कौंसिल को नगर कौंसिल चुनावों के नोटिफिकेशन से बाहर रखे जाने के कारण कांग्रेसी ही नहीं बल्कि अन्य राजनीतिक पार्टियों के दावेदारों में मायूसी का माहौल बन गया है।
मनदीप कुमार, संगरूर
कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला के हलका संगरूर की नगर कौंसिल को नगर कौंसिल चुनावों के नोटिफिकेशन से बाहर रखे जाने के कारण कांग्रेसी ही नहीं, बल्कि अन्य राजनीतिक पार्टियों के दावेदारों में मायूसी का माहौल बन गया है। बेशक जिले की आठ अन्य नगर कौंसिलों को नोटिफिकेशन में शामिल किया गया है, लेकिन संगरूर नगर कौंसिल का चुनाव अधर लटक गया है। 14 फरवरी को पंजाब भर में होने वाले नगर कौंसिल चुनाव में संगरूर के अलावा अब अन्य आठ नगर कौंसिलों का चुनाव करवाया जाएगा। पिछले कुछ माह से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार तैयारी में जुटे हुए थे, लेकिन चुनाव के हुए एलान में संगरूर का नाम शामिल न होने के कारण उन्हें मायूसी का सामना करना पड़ा। गौर हो कि शहर की नई वार्डबंदी व कौंसिल के एरिया में विस्तार को लेकर विवाद चल रहा था, जिसका कोई समाधान न निकलने के कारण संगरूर नगर कौंसिल को चुनाव से बाहर रखा गया है। अगले दिनों में इसे शामिल किया जाएगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा।
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न बना नगर निगम, न सिरे चढ़ी नई वार्डबंदी व विस्तार का नोटिफिकेशन
संगरूर नगर कौंसिल के मौजूदा 27 वार्डों की नई वार्डबंदी करवाने का मुद्दा करीब दो माह पहले भड़का था, जिसमें पुराने वार्डों को तोड़कर नए वार्ड बना दिए गए थे। बेशक वार्डों की गिनती नहीं बढ़ी, लेकिन आरक्षित वार्डों व जनरल वार्डों पर बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया था, जिसका भाजपा, अकाली दल व शिअद (डी) ने कड़ा विरोध किया था। इसके बाद शहर के बाहरी इलाकों को कौंसिल की सीमा में शामिल करने पर विचार आरंभ हुआ। इसका विज्ञापन भी जारी हुआ व एतराज भी मांगे गए। एतराज दर्ज होने के बाद भी इस पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री ने संगरूर को नगर निगम का दर्जा दिलाने का भी भरोसा दिलाया था, लेकिन कोई भी एलान सफल नहीं हो पाया। आखिरकार नगर कौंसिल संगरूर का चुनाव अधर में ही लटक गया।
---------------------- कांग्रेसियों के हाथ फिर लगी मायूसी
नगर कौंसिल संगरूर के चुनाव अभी न होने के कारण कांग्रेसी दावेदारों में सबसे अधिक मायूसी का आलम है। कांग्रेस नगर कौंसिल संगरूर की सत्ता से पिछले पांच वर्ष से दूर है। अकाली-भाजपा सरकार व फिर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भी कौंसिल की कुर्सी पर अकाली दल व भाजपा काबिज रही। कांग्रेस के अल्पमत में होने के कारण अकाली दल के पार्षद रिपुदमन सिंह ढिल्लों प्रधानगी की कुर्सी पर विराजमान रहे। विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन के बाद भी कांग्रेस कौंसिल की प्रधानगी हासिल नहीं कर पाई। अब चुनाव से कांग्रेस को कौंसिल की सत्ता पर कब्जा जमाने की उम्मीद थी, लेकिन यह उम्मीद फिर धरी की धरी रह गई।
----------------------- संगरूर में थमी तैयारियां, बाकी कौंसिलों पर तैयारी आरंभ
नगर कौंसिल संगरूर के 27 वार्डों में चुनाव के लिए तैयारी करने में जुटे कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों के दावेदारों ने अपनी तैयारियां रोक दी हैं। सुनाम, मालेरकोटला, धूरी, लोंगोवाल, अहमदगढ़, अमरगढ़, लहरा, भवानीगढ़ नगर कौंसिलों के इलाकों में दावेदार तैयारियों में जुट गए हैं। मालेरकोटला की नगर कौंसिल के 33 वार्डों का सबसे बड़ा इलाका है। कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना का इलाका होने के कारण यहां कांग्रेसियों की जोर आजमाइश काफी तेज है। इन आठ कौंसिलों का चुनाव 14 फरवरी को होगा। --------------------- लोगों में आधार खो चुकी कांग्रेस, इसलिए चुनाव से भागी
भाजपा के जिला प्रधान रणदीप दियोल, नगर कौंसिल के पूर्व सीनियर उपप्रधान व भाजपा नेता सरजीवन जिंदल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के हलका संगरूर में कांग्रेस अपना आधार खो चुकी है। कांग्रेस के खोखले विकास के दावों की असलियत शहर निवासी भली भांति जानते हैं। इसलिए ही नगर कौंसिल संगरूर को चुनाव नोटिफिकेशन से बाहर रखा गया।
---------------------- कैबिनेट मंत्री के हलके में घबराई कांग्रेस
आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान दविदर सिंह बदेशा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के हलके संगरूर में ही कांग्रेस चुनाव से भाग गई है। कांग्रेस इलाके में अपनी जमीन गंवा चुकी है। पिछले कई माह से ही नगर कौंसिल संगरूर का मुद्दा गर्माया हुआ था और आखिरकार वहीं हुआ, जिसका डर था। कांग्रेस संगरूर शहर में चुनाव करवाने से भाग गई है, क्योंकि शहर का कोई विकास ही नहीं करवाया गया। आम आदमी पार्टी कौंसिल चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। जल्द ही बाकी नगर कौंसिलों पर उम्मीदवारों की सूचियां जारी की जाएगी। ---------------------
साथ ही होना चाहिए था चुनाव, मगर कांग्रेस तैयार
नगर कौंसिल के पूर्व कांग्रेसी प्रधान महेश कुमार मेशी ने कहा कि नगर कौंसिल संगरूर के चुनाव भी पंजाब के अन्य कौंसिल चुनावों के साथ ही होने चाहिए थे, लेकिन किसी कारण से ऐसा नहीं हुआ है। कांग्रेस के दावेदार चुनाव के लिए तैयार हैं। कौंसिल चुनाव 17 फरवरी को संपन्न हो जाएंगे। इनके बाद संगरूर कौंसिल चुनाव होने की उम्मीद है। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव हैं, जिसके मद्देनजर नगर कौंसिल संगरूर के चुनाव भी जल्द करवाए जाने चाहिए। --------------------
महिलाओं को मिलेगा बराबर मौका नगर कौंसिल सुनाम, मालरेकोटला, धूरी, लहरागागा, लोंगोवाल, अमरगढ़, अहमदगढ़, भवानीगढ़ में इस बार नगर कौंसिल चुनावों दौरान महिलाओं को 50 फीसद वार्डों में किस्मत अजमाने का मौका मिलेगा। नगर कौंसिल चुनाव के लिए मतदान 14 फरवरी व मतगणना 17 फरवरी को होगी। 30 जनवरी से तीन फरवरी तक उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे। चार फरवरी को नामांकन की जंच होगी। पांच फरवरी को नामांकन पत्र वापस ले सकेंगे। 12 फरवरी तक चुनाव प्रचार किया जा सकेगा।