2जी जैमर तोड़ चुके हैं दम, 4जी जैमर अपग्रेड कोसों दूर

मनदीप कुमार संगरूर 4जी नेटवर्क के जमाने में भी जेलों के अंदर 2जी जैमर लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 03:27 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 03:27 PM (IST)
2जी जैमर तोड़ चुके हैं दम, 4जी जैमर अपग्रेड कोसों दूर
2जी जैमर तोड़ चुके हैं दम, 4जी जैमर अपग्रेड कोसों दूर

मनदीप कुमार, संगरूर

4जी नेटवर्क के जमाने में भी जेलों के अंदर 2जी जैमर लगे हुए हैं। तकनीकी तौर पर जेलों को अपग्रेड न किए जाने का फायदा जेलों में बंद अपराधी उठा रहे हैं। जेलों में लगे 2जी जैमर 4जी नैटवर्क को रोक पाने में सक्षम न होने के कारण जेल में फोन के जरिये न केवल अपराधी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने में जुटे हैं, वहीं जेलों से हर दिन वायरल होने वाली वीडियो भी जेल प्रशासन के लिए गले की हड्डी बनी हुई है।

जिला संगरूर जेल की बात करें तो तीन पड़ाव की चेकिग स्लैब से गुजरने के बाद भी जेल के भीतर मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं। जेल के भीतर से वीडियो वायरल होना तो अब आम बात हो गई है। जेल के भीतर जैमर लगे हैं, लेकिन दशकों पुराने 2जी जैमर केवल शोपीस बने हुए हैं। अब यह जैमर वर्क नहीं कर रहे। यह जेल की सुरक्षा में भी बड़ी लापरवाही है, क्योंकि जेल के भीतर मोबाइल नेटवर्क को जाम करने के लिए 4जी जैमर समय की जरूरत है।

कुख्यात गैंगस्टर व अपराधी जेल में हैं बंद : 660 कैदियों को रखने की क्षमता वाली जिला जेल में कोरोना के मद्देनजर बेशक 150 से अधिक कैदियों को पैरोल इत्यादि पर भेज दिया गया है, लेकिन जेल में कुख्यात गैंगस्टर बंद हैं। जेल के भीतर जाने पर हर कैदी व हवालाती को तीन स्लैब में चेकिग से गुजरना पड़ता है। पड़ाव दर पड़ाव हर किसी की तलाशी ली जाती है। इसके बावजूद जेल में से मोबाइल फोन इत्यादि मिलने के मामले सामने आते रहते हैं।

वीडियो वायरल मामले में कई पुलिस अधिकारियों पर गिरी थी गाज

12 अक्टूबर 2018 को जेल में से एक वीडियो वायरल हुई। वायरल वीडियो में आधा दर्जन कैदियों ने जेल सुपरिंटेंडेंट से लेकर अन्य जेल अधिकारियों पर पैसे वसूलने का आरोप लगाया था। वीडियो के जरिये खुद को इस आठ फीट के कमरे से आजाद करवाने की गुहार लगाई थी। कैदियों ने आरोप लगाया था कि उनसे मोबाइल फोन बरामद होने के मामले में जेल के हवलदार व अन्य अधिकारियों ने अब तक 35 हजार रुपये वसूल लिए हैं। अब एक-एक लाख रुपये की मांग की जा रही है। पैसे न देने पर झूठे मामले में फंसाने या उनके केस का चालान अन्य जिलों की अदालत में लगाने की धमकी दे रहे हैं। पड़ताल रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जिला जेल संगरूर के सुपरिटेंडेंट इकबाल सिंह बराड़, जिला जेल रूपनगर के सुपरिंटेडेंट अमरीक सिंह, सबजेल मालेरकोटला के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट प्रदुमन सिंह, सहायक सुपरिंटेंडेंट नई जेल नाभा जगतार सिंह व हेड वार्डन जसमिंदर सिंह को तुरंत मुअत्तल कर दिया गया था।

क‌र्फ्यू दौरान भी जेल से मिले मोबाइल फोन : थाना सिटी 1 के प्रभारी प्रितपाल सिंह ने बताया कि क‌र्फ्यू के दौरान जेल से 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए। 26 मार्च को दो, 1 मई को 3 व 3 मई को एक फोन बरामद किया गया। जेल में कैदियों से फोन मिलने की शिकायत जेल के मुलाजिमों द्वारा ही दर्ज करवाई गई थी। कोविड-19 महामारी के कारण किसी भी आरोपी का रिमांड नहीं लिया गया है। जिन कैदियों से मोबाइल फोन बरामद हुए हैं वह नशीली गोलियों व शराब तस्करी के मामलों में सजा काट रहे हैं।

2जी जैमर नहीं कर रहे वर्क, जेल में कड़े प्रबंध : जिला जेल संगरूर के सुपरिंटेंडेंट बलविदर सिंह ने बताया कि जेल में मोबाइल फोन जाने से रोकने के लिए तीन पड़ाव में चेकिग होती है। डिटेक्टर लगे हैं, जिनके बीच से होकर ही हर व्यक्ति को गुजरना पड़ता है, जिसमें मोबाइल इत्यादि को पकड़ लिया जाता है। जेल में 2 जी जैमर काफी समय पुराने हैं, जो अब वर्किंग नहीं कर रहे हैं।

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