सभी बनें जिम्मेदार, तभी बदलेगी नुहार

जागरण संवाददाता संगरूर पर्यावरण में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस लेना भी मुश्किल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 03:15 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 03:16 PM (IST)
सभी बनें जिम्मेदार, तभी बदलेगी नुहार
सभी बनें जिम्मेदार, तभी बदलेगी नुहार

जागरण संवाददाता, संगरूर :

पर्यावरण में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो चुका है। प्रदूषण के कारण ही कई पक्षियों की प्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं। पर्यावरण के यह बिगड़ते हालात किसी भी रूप से शुभ संकेत नहीं हैं। अधिक से अधिक पौधे लगाकर ही पर्यावरण की दशा सुधारी जा सकती है, लेकिन यह जिम्मेदारी केवल वन विभाग की ही नहीं, बल्कि हर इंसान की है।

अगर हर व्यक्ति पौधारोपण मुहिम में जुट जाए व अपने द्वारा लगाए गए पौधे की खुद संभाल करके उन्हें एक पेड़ बनाए तो आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण प्रदान करने का सपना कुछ हद तक पूरा हो सकता है।

पौधों की संभाल को बनाएं अपना फर्ज : मुंडे

दो दशक में हजारों की गिनती में पौधे लगा चुके केएस कंबाइन ग्रुप के मालिक इंद्रजीत सिंह मुंडे ने कहा कि पौधे लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि पौधों की संभाल करना बेहद जरूरी है। हर इंसान अपना यह कर्तव्य समझे कि वह अपने आसपास मौजूद हर पौधे की संभाल खुद करेगा। पौधों की पानी देने से लेकर उनकी छंटाई तक करनी चाहिए ताकि पौधा विकसित हो सकें व वह एक पेड़ बन सके। उन्होंने अब तक हजारों की गिनती में पौधे कंबाइन इंडस्ट्री के परिसर, जिले के सभी पुलिस स्टेशनों, पुलिस लाइन, कालेज, चौक-चौराहों, मुख्य मार्गों पर लगाएं हैं व उनकी संभाल के लिए भी खुद प्रयास किए हैं, जिसकी बदौलत अधिकतर पौधों को वह बचाने में सफल हुए हैं।

बर्बाद न करें नन्हें पौधे : पर्यावरण प्रेमी व्यापारी अनिल गोयल ने कहा कि पौधे लगाना समय की जरूरत है। अकसर देखा गया है कि लोग सैकड़ों की गिनती में पौधे लगाते हैं, लेकिन उनकी संभाल न होने कारण पौधे मर जाते हैं। इन पौधों में भी इंसानों की भांति जान हैं। इसलिए हर संस्था व हर व्यक्ति इस नियम का पालन करें कि वह उतनी ही गिनती में पौधे लगाएं, जिनकी वह खुद संभाल कर सकते हैं। सैकड़ों की गिनती में पौधे लगाकर पौधों की बर्बादी न करें व उचित जगह पर अपनी क्षमता के अनुसार ही पौधे लगाकर उनकी संभाल शुरू कर दें।

नरम जगह पर लगाएं बेहतर किस्म के पौधे : पर्यावरण प्रेमी अरुण शैली ने कहा कि पौधे न केवल इंसानों को ऑक्सीजन, फल, फूल, लकड़ी इत्यादि देते हैं, बल्कि यह पक्षियों के जीवन का आधार भी हैं। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से न केवल पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, बल्कि पक्षियों की प्रजातियां भी लुप्त हो रही हैं। ऐसे मे अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी संभाल करें व उन्हें पेड़ बनाएं। नर्म जगह पर लगाया गया पौधे जल्दी विकास करता है, जबकि सख्त जमीन के पौधे जल्दी मर जाते हैं। इसलिए बेहद किस्म के पौधे उचित जगह पर ही लगाए जाने चाहिए।

ग्रीन पट्टी की शर्त करें सख्ती से लागू : वकील कमल आनंद ने कहा कि वृक्षों की कटाई पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए। वन विभाग इस विषय पर गंभीरता दिखाते हुए अंधाधुंध पेड़ों की हो रही कटाई पर अंकुश लगाएं, ताकि हरे-भरे पेड़ों को बचाया जा सके। साथ ही सरकार ग्रीन पट्टी की शर्त को सख्ती से लागू करे। किसान के खेत हो या किसी मकान, हर जगह पर पेड़-पौधे लगाने की शर्त अनिवार्य होनी चाहिए।

दशकों तक चलने वाले पेड़ों को दें प्राथमिकता: पर्यावरण प्रेमी अमनदीप अग्रवाल ने बताया कि पंजाब में हरियाली का रकबा लगातार कम हो रहा है। पेड़ों की कटाई थमने का नाम नहीं ले रही है, जिस कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। वन विभाग को अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से निभानी होगी। गत वर्ष आरंभ की गई श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर पौधारोपण जैसी मुहिम को लगातार वर्ष दर वर्ष जारी रखा जाना चाहिए तथा इलाके में वन विभाग अधीन रकबे में दशकों तक चलने वाले पौधे लगाए जाने चाहिए। विभाग की जमीनों को नाजायज कब्जों से मुक्त करवाकर वहां पर पौधे लगाए जाएं व उनकी संभाल की जानी चाहिए।

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