पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ शिअद (ब) ने किया प्रदर्शन
पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ वीरवार को शिअद (बादल) के पूर्व संसदीय सचिव बाबू प्रकाश चंद गर्ग की अगुआई में वर्करों ने शहर के मुख्य लालबत्ती चौक में केंद्र सरकार व सूबा सरकार का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया।
संवाद सहयोगी, संगरूर
पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ वीरवार को शिअद (बादल) के पूर्व संसदीय सचिव बाबू प्रकाश चंद गर्ग की अगुआई में वर्करों ने शहर के मुख्य लालबत्ती चौक में केंद्र सरकार व सूबा सरकार का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया। केंद्र व कैप्टन सरकार के खिलाफ वर्करों ने जोरदार नारेबाजी की। शिअद (ब) के कार्यकर्ताओं ने कहा कि पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस से हर व्यक्ति की जरूरत जुड़ी है, लेकिन सरकार इनकी कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर रही है।
बाबू प्रकाश चंद गर्ग ने कहा कि पिछले कुछ ही दिनों में पेट्रो पदार्थों में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। पेट्रोल 95 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है व डीजल 85 रुपये प्रति लीटर तक है। इसी तरह गैस सिलेंडर की कीमतें 815 रुपये हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम बढने से महंगाई बढ़ रही है। आमजन की आर्थिक दशा के मद्देनजर केंद्र सरकार को भी चाहिए कि वह पेट्रो पदार्थों पर टैक्स कम करे व कैप्टन सरकार भी इन पदार्थों पर वैट को कम करे। सरकार का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, लोग सरकार के बचे हुए समय को भी बड़ी मुश्किल से काट रहे हैं। लोग कांग्रेस सरकार को चलता करने के लिए बेताब हैं।
गर्ग ने कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर सत्ता के नशे में बौखला गए हैं इसी लिए कह रहे हैं कि किसानों की भीड़ जुटाने से कानून वापस नहीं हो सकते। अगर भीड़ कानून रद नहीं करवा सकते तो भीड़ सरकार को तो बदल ही सकती है।
संगरूर में सत्ताधारी पार्टी द्वारा द दशमेश ट्रक आपरेटर एसोसिएशन का प्रधान आपरेटरों पर थोपने के मामले पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी बातें मनवाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आई है। ट्रक आपरेटरों द्वारा वीरवार को प्रधान पद के लिए चुनाव करवाए जाने थे, मगर सत्ताधारी पार्टी ने धक्केशाही करते हुए खुद ही किसी गैर ट्रक आपरेटर को प्रधान घोषित कर दिया। यह लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने के बराबर है।
इस मौके पर प्रेम चंद गर्ग, हरविदर सिंह काकड़, रुपिदर सिंह रंधावा, दलजीत सिंह जीती, सुखदेव सिंह, गमधूर सिंह, हरजिदर सिंह, मिट्ठू रेतला, भगवंत सिह, चितवंत सिंह, इंदरपाल सिंह सिबिया, करनैल सिंह, गुरमीत सिंह जैलदार, अमित कुमार गांधी, जोगीराम, कुलदीप सिंह, सुमा फग्गुवाला, सोहन कुमार सोनू (प्रेम बस्ती), तेजिदर सिंह संघरेड़ी, शेर सिंह बल्लेवाली, बृहम बुट्टा सिंह, गुरविदर सिंह सिद्धू, जतिदर कुमार बिल्लू, सतगुर सिंह डोगरा, रिकू कुमार सहित अन्य अकली वर्कर उपस्थित थे।