कैबिनेट में मिले विभाग से खुश नहीं थी रजिया सुल्ताना, इस्तीफा दिया

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के हक में मंगलवार सायं कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना द्वारा दिए त्यागपत्र ने संगरूर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:52 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:52 PM (IST)
कैबिनेट में मिले विभाग से खुश नहीं थी रजिया सुल्ताना, इस्तीफा दिया
कैबिनेट में मिले विभाग से खुश नहीं थी रजिया सुल्ताना, इस्तीफा दिया

सचिन धनजस, संगरूर : पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के हक में मंगलवार सायं कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना द्वारा दिए त्यागपत्र ने संगरूर की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि रजिया के बाद कई ओर बड़े नेता सिद्धू के हक में त्यागपत्र देकर कांग्रेस के लिए चुनौती बन सकते हैं। उधर, रजिया के त्यागपत्र की घोषणा होते ही कांग्रेसियों के बीच मोबाइल की घंटियां बजनी शुरू हो गई और इसके पीछे के कारण जानने की कोशिश होने लगी है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि रजिया सुल्ताना चन्नी कैबिनेट से खुश नहीं थी। कहा जा रहा है कि चन्नी कैबिनेट में रजिया अच्छा विभाग चाहती थी, लेकिन उन्हें इच्छानुसार विभाग नहीं मिला। हालांकि अगर कैप्टन कैबिनेट की बात की जाए, तो कैप्टन के साथ भी रजिया के संबंध कैबिनेट के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग छीनने की वजह से खट्टें हुए थे। तभी से रजिया व उनके पति मोहम्मद मुस्तफा ने कैप्टन से दूरियां बनानी शुरू कर दी थी। 2017 में कैप्टन अमरिदर सिंह ने मुख्यमंत्री की शपथ के बाद अपने विधायकों को विभाग आवंटन किए थे। तब रजिया सुल्ताना को पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन कैबिनेट विस्तार के बाद यह विभाग रजिया से विजयइंद्र सिगला ने छीन लिया था। तभी से रजिया व सिगला में छत्तीस का आंकड़ा रहा है। दोनों ही एक-दूसरे के क्षेत्र में कोई हस्तक्षेप नहीं करते थे। हालात ऐसे हो गए थे कि रजिया व मुस्तफा ने कैप्टन से दूरियां बनानी शुरू कर दी थी और नवजोत सिद्धू के रूप में उन्हें अपना नया लीडर मिल गया था। अब जब कैप्टन को सत्ता से दूर कर चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया, तो साफ था कि सिद्धू से नजदीकियों के चलते उनको इच्छानुसार विभाग मिलेंगे, लेकिन रजिया के साथ ऐसा नहीं हुआ और उन्हें फिर से पुराना विभाग ही मिला। इस वजह से वह चन्नी कैबिनेट में खुश नहीं थी, जो आज साफ हो गया।

चन्नी को करना पड़ सकता है विरोध का सामना

रजिया के त्यागपत्र के बाद मालेरकोटला समेत संगरूर संसदीय हलके की राजनीति में उठा-पटक शुरू हो गई है। हालांकि रजिया ने पार्टी को अलविदा नहीं कहा है, लेकिन आने वाले दिनों में कांग्रेस को इस चीज का नुकसान होना स्वभाविक है। बहरहाल, चन्नी कैबिनेट को लेकर आने वाले दिनों में अगर फेरबदल होता है तो मुख्यमंत्री चन्नी को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। अगर बदलाव नहीं होता, तो सिद्धू खेमे के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा, मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के लिए आने वाले दिन परीक्षा वाले होने है।

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