गर्भवती महिलाओं की शतप्रतिशत रजिस्ट्रेशन व जांच जरूरी : डा.
गर्भवती महिलाओं की शतप्रतिशत रजिस्ट्रेशन व जांच जरूरी बनाने के लिए की मीटिंग।
संवाद सूत्र, संगरूर : गर्भवती महिलाओं की शतप्रतिशत रजिस्ट्रेशन व जांच जरूरी बनाने के लिए आशा वर्करों की अहम भूमिका अदा करनी चाहिए। एएनएम व आशा वर्कर होम विजिट के जरिए हाई रिस्क व खून की कमी वाली गर्भवती महिलाओं की सुविधा के मुताबिक बीपी, शुगर व अन्य टेस्ट करना यकीनी बनाया जाए। उक्त बात जिला सेहत अफसर संगरूर डा. एसजे सिंह ने सेहत विभाग की ओर से एमडीएसआर के दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान कही। उन्होंने कहा, जिला परिवार भलाई अफसर डा. रविदर कलेर ने कहा कि डिलीवरी के दौरान सीजेरियन केस को पांच से सात व नार्मल केस को तीन दिनों तक अस्पताल में रखना यकीनी बनाया जाए। हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की लिस्ट संबंधित एसएमओ, एलएचवी, एएनएम, आशा फेसलीटेटर व आशा वर्कर के पास हर समय होनी चाहिए, ताकि पहले से ही एक्शन प्लान तैयार कर गर्भवती महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक महीने की नौ तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं का स्पेशलिस्ट डाक्टर द्वारा जांच कर उपचार किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की सेहत संभाल के लिए विशेष प्रबंध किया गया है, इसके अलावा जो भी गर्भवती महिला रजिस्ट्रेशन करवाई होती है उसकी जरूरी जांच पहले की कर ली जाती है, जिससे एन वक्त पर किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है।
बैठक में जिला अस्पताल की गायनोलाजिस्ट व जिले के विभिन्न ब्लाकों में से जरूरी एएनएम, स्टाफ नर्स, सभी रूरल एसएमओ के अलावा मास मीडिया विग के अधिकारी उपस्थित थे।