सिविल अस्पताल अहमदगढ़ में डाक्टरों की पोस्टें खाली, मरीज बेबस
पंजाब सरकार द्वारा कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए अस्पतालों में 24 घंटे डाक्टरों द्वारा मरीजों की देखभाल करने के दावे किए जा रहे हैं।
देसराज शर्मा, अहमदगढ़ (संगरूर)
पंजाब सरकार द्वारा कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए अस्पतालों में 24 घंटे डाक्टरों द्वारा मरीजों की देखभाल करने के दावे किए जा रहे हैं। अहमदगढ़ में सरकार के दावे झूठे व खोखले साबित हो रहे हैं। क्षेत्र के सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की पांच पोस्टें हैं व पांचों ही खाली पड़ी हैं। इनमें से तीन डाक्टरों की प्रमोशन हो चुकी है जबकि बाकी दो डाक्टर छुट्टी पर चले गए हैं। इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें महंगे प्राइवेट अस्पतालों में जाकर इलाज करवाना पड़ रहा है।
इन हालातों में शहर की कुछ समाज सेवी संस्थाओं की ओर से सरकारी अस्पताल को कोविड सेंटर बनाने की मांग की जा रही है। गौर हो कि सिविल अस्पताल में नवंबर 2020 से पोस्टें खाली पड़ी हैं। कई बार सिविल सर्जन संगरूर डा. अंजना गुप्ता से गुहार लगाई गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। उसके बाद हलका विधायक सुरजीत सिंह धीमान को भी कई बार मिला जा चुका है।
एडवोकेट अरविद मावी, अरुण शैली, विजय वर्मा, रछपाल सिंह, कुलविदर सिंह, तरसेम गर्ग, हैपी जिदल, सोनू रामानंद, आनंद मितल, पार्षद जसविदर शर्मा, पार्षद विकास शर्मा, दीपक शर्मा, पूर्व पार्षद भोजराज ने सरकार से मांग की कि कोरोना की बीमारी के चलते डाक्टरों की पोस्टें भरी जाएं। यदि ऐसा न हुआ तो अस्पताल में भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।
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इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए ओपीडी के स्टाफ को लगाया गया है। जल्द ही खाली पोस्टें भरने हेतु एक बार फिर उच्च अधिकारियों को सूचित किया जाएगा। ---प्रतिभा साहू वर्मा, एसएमओ