बसों में यात्रियों की गिनती कम करने से रोष, नारेबाजी
कोरोना के बढ़ते केसों के कारण सरकार ने सरकारी व निजी बसों में 50 फीसद यात्रियों को ही सवार करने की हिदायत दी है।
संवाद सूत्र, भवानीगढ़ (संगरूर)
कोरोना के बढ़ते केसों के कारण सरकार ने सरकारी व निजी बसों में 50 फीसद यात्रियों को ही सवार करने की हिदायत दी है। इस कारण बसें स्टेशनों पर रुक नहीं रही हैं। वीरवार को जिले में विभिन्न जगहों पर लोगों ने पीआरटीसी बसों का घेराव करके रोष प्रदर्शन किया। पीआरटीसी के जीएम ने लोगों को भरोसा दिलाया कि अगले दिनों में रूटों पर बसों की गिनती बढ़ाई जाएगी।
भवानीगढ़ के स्थानीय पुराने बस स्टैंड पर लोगों ने पीआरटीसी बसें न रोकने के रोष में पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समाजसेवी हरभजन सिंह हैप्पी व सुखदेव सिंह ने बताया कि यहां पर कोई भी पीआरटीसी बस न रूकने से यात्रियों को दो-दो घंटे लगातार इंतजार करना पड़ता है। पीआरटीसी बसें यहां से सवारी उठाने की बजाय आगे-पीछे बस रोककर सवारी उठाने की कोशिश करते हैं, जबकि प्राइवेट बस वाले सवारियों को जानवरों की तरह भरकर ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि पंजाब सरकार ने महामारी के चलते बसों में आधी सवारी लेकर जाने की हिदायत दी है, लेकिन पीआरटीसी वाले केवल पंद्रह से बीस सवारियां ही लेकर जाते हैं। प्राइवेट बस वाले साठ सवारियों तक बस भरी होती हैं। लोगों ने आरोप लगाया कि यह सब पीआरटीसी ड्राइवरों व प्राइवेट बस मालिकों में आपसी मिलीभगत से हो रहा है।
एकतरफ पंजाब सरकार लोगों को सुविधाएं देने की बात करती है, लेकिन दूसरी तरफ महामारी की आड़ में उन्हें परेशान किया जा रहा है। लोगों ने मांग की कि सभी बसें सवारियों को बस स्टाप से ही लेकर आगे चलें।
पीआरटीसी के ड्राइवरों ने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से केवल 26 सवारियां बिठाने की इजाजत दी गई है। सवारी पूरी होने पर वह बस स्टाप पर बस नहीं रोक सकते। पीआरटीसी के उच्च अधिकारी से बात की तो उसने कोई जवाब नहीं दिया।
उधर, दूसरी तरफ गांव बागड़ियां में लोगों द्वारा सरकारी बसें न रोके जाने के रोष में रोड पर धरना लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने मांग की कि प्राइवेट बसों की तरह पीआरटीसी बसों में भी सवारियों की संख्या बढ़ाई जाए और सवारियों को प्रत्येक स्टेशन से समय पर उठाया जाए।
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जल्द इस रूट पर बसों की संख्या बढ़ाकर लोगों को सुविधा दी जाएगी।
--जतिदरपाल सिह, मैनेजर पीआरटीसी