पंचायत सचिव व ग्राम सेवकों की हड़ताल से छह करोड़ की अदायगी अटकी
सरकार द्वारा गांवों में करवाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के विकास के फंड रुके
जागरण संवाददाता, संगरूर : सरकार द्वारा गांवों में करवाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों में कड़ी का काम करने वाले पंचायत सचिव व ग्राम सेवकों की हड़ताल 22 जून से लगातार जारी है, लेकिन इसके बावजूद सरकार ग्राम सेवकों व पंचायती सचिव की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। हड़ताल के कारण गांवों में पिछले समय दौरान हुए करीब छह करोड़ रुपये के विभिन्न कार्यों की अदायगी रुकी हुई है। इतना ही नहीं, जिले के गांवों के विकास के लिए सरकार की तरफ से चौदह करोड़ रुपये के फंड और जारी किए गए हैं, लेकिन पंचायत सचिवों व ग्राम सेवकों की हड़ताल के कारण इनका उपयोग भी थम गया है। बेशक गत दिनों एफसीआर पंजाब सीमा रानी से यूनियन के कार्यकर्ताओं की हुई बैठक में गांवों के विकास में आई रुकावट के मद्देनजर सहयोग देने का आग्रह किया, लेकिन हड़ताल पर चल रहे पंचायत सचिव व ग्राम सेवकों ने अपनी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का एलान किया है। वीरवार को पंचायत सचिव व बीडीओ यूनियन संगरूर-मालेरकोटला इकाई द्वारा डीसी संगरूर को सरकार के नाम मांगपत्र सौंपा गया है।
जिला पंचायत सचिव यूनियन के प्रधान अमरीक सिंह, वीडीओ यूनियन संगरूर-मालेरकोटला के प्रधान राजिदर सिंह, ब्लाक प्रधान वरिदर कुमार की अगुआई में धरने को संबोधित करते हुए कहा कि छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में मुलाजिमों का वेतन बढ़ाने की बजाय मिल रहे भत्ते घटा दिए हैं। इससे मुलाजिम वर्ग में सरकार प्रति रोष पाया जा रहा है। ऐसे में पंचायत सचिव व ग्राम सेवक यूनियन पंजाब के आह्वान पर फैसला किया है कि जब तक मुलाजिमों की मांगे पूरी नहीं होंगी कलम छोड़ हड़ताल जारी रहेगी। गांव में होने वाले विकास कार्य पूरी तरह से बंद रखे जाएंगे। किसी भी विकास कार्य का भुगतान के चेक नहीं जारी किए जाएंगे। सरकार द्वारा गांवों में करवाए जा रहे विकास कार्यों में उनकी भूमिका अहम है, लेकिन सरकार इसके बावजूद उनकी मांगों प्रति गंभीरता नहीं दिखा रही है। उन्होंने पंचायत सचिव व ग्राम सेवकों को सीनियर पंचायत सचिव, सीनियर ग्राम सेवक पदोन्नत करने के चलते सीनियर स्केल का लाभ देने, पंचायत सचिवों पर लागू की गई पुरानी पेंशन स्कीम के तहत इसी बैच से संबंधित सेवामुक्त पंचायत सचिव व मृतक कर्मचारियों की पेंशन के केसों का निपटारा करने, पेंशन तुरंत रिलीज करने, पंचायत सचिवों को एनपीएस अधीन कार्ड जारी करने व सीपीएफ की कटौती एकसमान करने, बीडीओ पर एसीपीओ की तरक्की का कोटा बहाल करने, पंचायत सचिव की तनख्वाह व सीपीएफ का बकाया तुरंत जारी करने, तनख्वाह इत्यादि सरकारी खजाने में से जारी करने, विभाग में काम करके जेई वर्ग को तीस लीटर पेट्रोल का तीन हजार रुपये भत्ता देने, पटवारियों की भांति पंचायत सचिव व बीडीओ को बस्ता एलाउंसेज लागू करने की मांग की। उन्होंने एलान किया कि मांगें पूरी होने के बाद ही हड़ताल खोली जाएगी, अन्यथा गांवों के विकास कार्यों को लगातार प्रभावित रखा जाएगा।
इस मौके पर पंचायत अफसर शमशेर सिंह, करनैल सिंह, अमनदीप सिंह, रोबिन गोयल, सुखवीर सिंह, कृष्ण भगवान (पंचायत सचिव), ग्राम सेवक निर्भय सिंह आदि उपस्थित थे।