आग लगने से धान की फसल को नुकसान

शहीद ऊधम सिंह अकादमी सतोज के समक्ष बिजली की तारों में स्पार्किंग से लगी आग।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 10:23 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 10:23 PM (IST)
आग लगने से धान की फसल को नुकसान
आग लगने से धान की फसल को नुकसान

संवाद सूत्र, चीमा (संगरूर) :

शहीद ऊधम सिंह अकादमी सतोज के समक्ष बिजली की तारों में स्पार्किंग होने से दो बीघा पकी हुई धान की फसल जल गई। किसान धनतर सिंह निवासी हीरो खुर्द ने बताया कि वह ठेके पर जमीन लेकर खेती करता है। खेत में मेन ट्रांसफार्मर की बिजली लाइन गुजरती है। इससे लगातार स्पार्किंग होती रहती है। शुक्रवार को दोपहर के समय वह काम कर रहा था तो अचानक स्पार्किंग होने से फसल में आग लग गई, जिससे आसपास के किसानों की मदद से मौके पर काबू पा लिया गया। इससे बड़ा नुकसान होने से बचाव रहा। किसानों जगतार सिंह, गमदूर सिंह, रूलदू सिंह ने कहा कि वह कई बार स्पार्किंग लाइन को बदलने संबंधी विभाग को कह चुके हैं। यदि आगे किसी किसान का नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।

पावरकाम चीमां के एसडीओ विक्रमजीत सिंह ने कहा कि इस संबंधी जेई द्वारा उनको जानकारी दे दी गई है। जल्द जांच कर लाइन की मरम्मत की जाएगी। उन्होंने किसानों को खेतों में लगे समूह ट्रांफार्मरों के पास से पकी फसल पहले काटने की अपील की।

पराली प्रबंधन के लिए किसानों को किया जागरूक

जागरण संवाददाता, संगरूर :

पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी द्वारा रबि की फसलों व धान की पराली प्रबंधन संबंधी जागरूक करने के लिए गांव खेतला में ब्लॉक स्तरीय किसान जागरूकता कैंप लगाया। इसमें सौ से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया। सहयोगी निर्देशक सिखलाई कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी डा. मनदीप सिंह ने किसानों को पराली जलाने की बजाय उसे जमीन में दबाकर खाद बनाने को प्रेरित किया। इसके अलावा गेहूं की नई किस्मों उनकी बुआई व पैदावार संबंधी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। इससे धरती की उपजाऊ शक्ति कम होती है। इसके अलावा सड़क हादसे, सांस संबंधी बीमारियां होती हैं। इसलिए पराली नहीं जलानी चाहिएं। डा. सुनील कुमार सहायक प्रोफेसर खेतीबाड़ी इंजीनियर ने किसानों को स्मार्ट सीडर, सुपर सीडर, मलचर, चौंपर आदि के बारे में बताया। इस अवसर पर किसानों को खेती साहित्य व बीज बांटे गए। मौके पर बलदेव सिंह, अमरजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह, सतगुर सिंह, जगराज सिंह, बलजीत सिंह, जसवीर सिंह आदि मौजूद थे।

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