एससी कमिशन ने एसडीएम को नौ तक रिपोर्ट देने को कहा
संवाद सहयोगी बरनाला गांव पक्खों कलां में 44 एकड़ पंचायती जमीन में अनुसूचित वर्ग ने सुनवाई की।
संवाद सहयोगी, बरनाला :
गांव पक्खों कलां में 44 एकड़ पंचायती जमीन में अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित तीसरे हिस्से की जमीन को लेकर नौ जून से चल रहा विवाद लगातार बढ़ रहा था व 10 दिनों से इंसाफ को लेकर युवक पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं, जिसको लेकर दो जुलाई को एससी कमिशन पंजाब राज अनुसूचित वर्ग के सदस्य राजकुमार हंस ने अनुसूचित वर्ग के भाईचारे के साथ समस्या पर विचार विमर्श किया गया। जहां विधायक पिरमल सिंह खालसा व अन्य लोगों को उक्त मामले में इंसाफ का भरोसा दिया व समस्या सुनी गई। एससी कमिशन सदस्य राजकुमार हंस द्वारा गांव के अनुसूचित भाईचारे द्वारा पंजाब राज अनुसूचित वर्ग के आयोग तक शिकायत पहुंचने का भरोसा दिया व इंसाफ के लिए हर संभव प्रयास का भरोसा दिया। इसके साथ पानी की टंकी पर 10 दिनों से चढ़े पांच युवकों को नीचे उतारा व सम्मान के साथ भूख हड़ताल समाप्त करवाई गई।
हंस ने कहा कि अनुसूचित वर्ग के लोगों के साथ किसी भी कीमत पर धक्केशाही व अत्याचार नहीं होने दिया जाएगा व न ही बर्दाश्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उक्त मामले में सरपंच से लेकर पंचायती विभाग के सभी अधिकारियों पंचायत महासचिव तक जांच की जाएगी व उक्त मामले में एसडीएम अनमोल सिंह धालीवाल को नौ जुलाई तक हर पक्ष से गहराई से जांच कर मामले की रिपोर्ट कलम बंद करने के आदेश सुनाए गए। उन्होंने कहा कि अगर उक्त व्यक्तियों द्वारा अनुसूचित जाति के शब्दों से संबोधन किया गया है, तो उनके खिलाफ एससी एक्ट के तहत केस दर्ज करके कार्रवाई की जाए व सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई के तहत सजा दिलवाई जाए।
इस अवसर पर विधायक निर्मल सिंह धौला, डीडीपीओ संजीव कुमार, डीएसपी बलजीत सिंह बराड़, बीडीपीओ प्रवेश गोयल, तहसीलदार तपा बलकरण सिंह, तहसीलदार भलाई अफसर मैडम सुनीता, सरपंच चमकौर सिंह, मक्खन सिंह, हरपाल सिंह, जगदीप सिंह सहित अन्य उपस्थित थे। ये है मामला
कस्बा भदौड़ से आप विधायक पिरमल सिंह खालसा द्वारा जिले के गांव पक्खो कलां की पंचायती जमीन का 1-3 हिस्सा एससी भाईचारे को सांझी खेती के लिए दिए जाने की मांग को लेकर 8 व 9 जून को दो दिनों तक रोष व्यक्त किया गया। उन्होने कहा कि जरनल समाज के पूंजीपति लोग जरूरतमंद व्यक्तियों को ढाल बना कर उनकी गरीबी, अनपढ़ता व अज्ञानता का फायदा लेकर बोली उनके नाम पर धनाढ़ लोग खुद आप जोतते हैं। इस तरह इस पॉलिसी के अनुसार पांच से पांच या पांच से अधिक व्यक्ति पूंजीपति व्यक्तियों को एक या दो परिवारों से ही मिल सकते है। जिससे अनुसूचित जाती के लोगों के लिए रिजर्व 1-3 हिस्से वाली जमीन का असल में अनुसूचित जाती के लोगों को इस पॉलिसी का फायदा नहीं होता। इसका फायदा पूंजीपति लोग लेते है। इस लिए हवाले अधीन पत्र द्वारा पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों की शर्त खत्म करके अनुसूचित जातियों की रजिस्टर्ड सोसायटी-अनुसूचित जाती द्वारा बनाई कमेटी को पहल होनी चाहिए, ताकि सांझी खेती करके अनुसूचित जाती के लोग इसका फायदा ले सकें।