पोर्टल से हांफने लगे अधिकारी व आढ़ती, किसान भी अंजान

गेहूं की सीधी अदायगी को लेकर डाटा एंट्री विभागीय अधिकारियों सहित आढ़तियों के लिए सिरदर्दी बन गई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 04:40 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 04:40 PM (IST)
पोर्टल से हांफने लगे अधिकारी व आढ़ती, किसान भी अंजान
पोर्टल से हांफने लगे अधिकारी व आढ़ती, किसान भी अंजान

अजय जिदल/टिका आनंद, सुनाम (संगरूर) : गेहूं की सीधी अदायगी को लेकर डाटा एंट्री विभागीय अधिकारियों सहित आढ़तियों के लिए सिरदर्दी बन गई है। किसानों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। आढ़ती भी पोर्टल पर जानकारी डालने की प्रक्रिया सीख रहे हैं। यहां तक कि उन्हें अतिरिक्त मुलाजिम रखने पड़ रहे हैं जो किसानों की जमीनी जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर सकें। पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने के चक्कर में किसानों की फसल की खरीद भी सुस्त पड़ गई है। फसल बिकने के बाद अदायगी में भी समय लगेगा, क्योंकि फसलों की बिक्री संबंधी बिल भी नहीं बन पा रहे हैं। अगले दिनों में स्थिति ठीक होने की उम्मीद है, क्योंकि अधिकारी, आढ़ती व किसान डाटा एंट्री की प्रक्रिया पर रोजाना कार्य कर रहे हैं।

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हमें नहीं पोर्टल संबंधी कोई जानकारी

किसान सोभा सिंह व तेजा सिंह जखेपल ने बताया कि वह तीन दिन से अनाज मंडी में गेहूं की फसल लेकर बैठे हैं। पोर्टल के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। आढ़ती को आधार कार्ड, फोन नंबर व जमीनी जानकारी दे दी है, वह खुद ही पोर्टल पर जानकारी दर्ज कर देगा। आज उनकी फसल की बोली हुई व पोर्टल पर जानकारी अपलोड हुई। उनके लिए यह काफी परेशानी भरा काम है, क्योंकि पोर्टल पर जानकारी दर्ज होने पर ही बोली होगी। ---------------------

यह तो नई परेशानी बन गई

गांव कलार खुर्द के पूर्व सरपंच सेवा सिंह ने कहा कि वह पांच दिन से फसल लेकर मंडी में बैठे हैं। बारदाने की कमी कही जा रही है, जिस कारण खरीद भी नहीं हुई है। पोर्टल पर जानकारी अभी तक नहीं अपलोड हुई है, क्योंकि दो दिन तो आढ़ती को खुद जानकारी नहीं थी। अब धीरे-धीरे जानकारी अपलोड हो रही है, जिसके बाद पता नहीं कब उनका नंबर आएगा। बोली होने के बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी व फिर सीधी अदायगी कब मिलेगी इसकी भी कोई जानकारी नहीं।

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पोर्टल के कारण खुद आना पड़ा किसान गुरदीप सिंह ने कहा कि पिता ही फसल बेचने के लिए आते हैं। दो दिन से वह मंडी में बैठे हैं। पोर्टल पर जानकारी दर्ज किए जाने के कारण वह भी पिता के साथ मंडी आया है, ताकि सही जानकारी दर्ज हो सके। अभी आढ़ती खुद पोर्टल पर जानकारी दर्ज करने की प्रक्रिया सीख रहे हैं, जिसके चलते बोली में भी समय लग रहा है।

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सीखने में लगेगा समय, फिर सरल होगा काम

आढ़ती प्रदीप सिगला ने कहा कि पोर्टल की सिखलाई पहले नहीं दी गई। अब सीजन के दौरान पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने की प्रक्रिया सीखना आढ़तियों के लिए संभव नहीं है। एक लैपटाप अलग से खरीदना पड़ा है। एक मुलाजिम तैनात करेंगे, जिसके बाद काम आगे बढ़ेगा। पांच दिन से परेशानी झेल रहे हैं व बोली का काम भी सुस्त पड़ गया है। बारदाने की किल्लत व पोर्टल दोनों ने काम ठप कर दिया है।

----------------------- कामकाज प्रभावित है, आढ़ती भी परेशान

संगरूर आढ़तिया एसोसिएशन के प्रधान सोमनाथ बांसल ने कहा कि कामकाज ठप पड़ गया है। सभी आढ़ती पोर्टल से परेशान हो गए हैं, क्योंकि किसी को भी पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने की सही जानकारी नहीं है। साइड हैवी होने के कारण काम रुक जाता है। बोली लगाने से लेकर पोर्टल पर जानकारी डालने का काम पेचीदा है। गेहूं की आमद तेजी से हो रही है, लेकिन पोर्टल कारण बोली सुस्त पड़ रही है।

-------------------- 2.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद

डीसी रामवीर ने बताया कि जिले की अनाज मंडियों में अब तक 2 लाख 78 हजार 380 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हुई है, जिसमें से दो लाख 56 हजार 530 मीट्रिक टन गेहूं की खऱीद हो चुकी है। पनग्रेन ने एक लाख 10 हजार 115 मीट्रिक टन, मार्कफेड ने 62 हजार 910 मीट्रिक टन, पनसप ने 60 हजार 170 मीट्रिक टन, पंजाब स्टेट वेयरहाउस ने कारपोरेशन ने 21 हजार 905 मीट्रिक टन, एफसीआई ने 1430 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली है।

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