संगरूर के सरकारी स्कूलों की सुरक्षा भी राम भरोसे, नहीं पुख्ता प्रबंध

शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले स्कूल भी अब सुरक्षित नहीं रहे। मोगा के एक सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म की कोशिश की घटना ने सरकारी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी है। जिला संगरूर में सरकारी स्कूलों की हालत भी कुछ ऐसी ही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 04:50 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 04:50 PM (IST)
संगरूर के सरकारी स्कूलों की सुरक्षा भी राम भरोसे, नहीं पुख्ता प्रबंध
संगरूर के सरकारी स्कूलों की सुरक्षा भी राम भरोसे, नहीं पुख्ता प्रबंध

संवाद सहयोगी, संगरूर

शिक्षा के मंदिर माने जाने वाले स्कूल भी अब सुरक्षित नहीं रहे। मोगा के एक सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म की कोशिश की घटना ने सरकारी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा की पोल खोलकर रख दी है।

जिला संगरूर में सरकारी स्कूलों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। जहां न तो पक्के तौर पर चौकीदार तैनात है व न ही कोई सुरक्षा का अन्य बंदोबस्त है। बेशक पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तबदील करने में जुटी है, लेकिन छात्राओं व स्टाफ की सुरक्षा के इंतजाम अभी भी कोसों दूर हैं। करीब दो वर्ष पहले धूरी के एक निजी स्कूल में भी चार वर्षीय बच्ची के साथ स्कूल वैन चालक द्वारा दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था।

जिले में 1026 स्कूल, सुरक्षा के प्रबंध नाकाफी : जिले के प्राइमरी, मिडिल, हाई व सीनियर सेकेंडरी 1026 सरकारी स्कूलों में से अधिकतर स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में तबदील किया जा चुका है। जहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, लेकिन अभी भी काफी स्कूलों में पक्के चौकीदार व सुरक्षा की सुविधा नहीं है। कई स्कूलों में दर्जा चार मुलाजिम भी पर्याप्त नहीं हैं। मौजूदा समय में बेशक स्कूल सुबह दस बजे लग रहे हैं, लेकिन बच्चे करीब आधा घंटा पहले ही स्कूल पहुंचने लगते हैं। अधिकतर स्कूलों में स्कूल स्टाफ बच्चों के बाद ही स्कूल आता है। इसी समय के दौरान छात्राओं की सुरक्षा हेतु सरकार व स्कूल प्रबंधन को उचित कदम उठाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि जिले में सात ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं, जहां बच्चियां पहली से लेकर 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

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सुरक्षा के कड़े प्रबंधों में छात्राएं कर रही शिक्षा ग्रहण : प्रिसीपल

स्थानीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल कन्या की प्रिसीपल इंदू सिमक ने बताया कि छात्राओं को स्कूल समय से 15 मिनट पहले ही आने को कहा गया है। इसके बावजूद जो छात्राएं गांवों से स्कूल में मजबूरन जल्दी आ जाती हैं, उनकी देखभाल के लिए 4 मेल व 1 फीमेल शारीरिक शिक्षा के अध्यापक को सुबह स्कूल टाइम से पहले आने की ड्यूटियां बांट रखी हैं। दो दर्जा चार मुलाजिम, एक चपड़ासी व दो सफाई मुलाजिम स्कूल में जल्दी आकर छात्राओं का ध्यान रखते हैं। स्कूल में 18 कैमरे लगे हुए हैं, जो उनके फोन से कनेक्टेड हैं। वह फोन पर ही स्कूल में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखती हैं।

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बच्चियों को स्कूल लगने से पहले स्कूल ना भेजें अभिभावक : डीईओ

डीईओ मलकीत सिंह ने अभिभावकों से अपील की कि वह बच्चियों को स्कूल समय पर ही भेजें। स्कूल प्रमुखों को छात्राओं की सुरक्षा हेतु कड़े कदम उठाने को कह दिया गया है। स्कूल प्रमुखों को आदेश दे दिए गए हैं कि स्कूल में कोई भी छात्रा स्कूल समय से 10 मिनट से पहले न आए। साथ ही सभी स्कूल प्रमुखों से बैठक की जाएगी, ताकि छात्राओं की सुरक्षा के लिए और कदम उठाए जाएं। छात्राओं को भी जागरूक किया जाएगा।

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