विकास बना सिरदर्द : न सूचना बोर्ड, न रिफ्लेक्टर, हर दिन हो रहे हादसे

अब इसे विकास कहें या लोगों के लिए जी का जंजाल। लोक निर्माण मंत्री के शहर में विकास खूब चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 04:33 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 04:33 PM (IST)
विकास बना सिरदर्द : न सूचना बोर्ड, न रिफ्लेक्टर, हर दिन हो रहे हादसे
विकास बना सिरदर्द : न सूचना बोर्ड, न रिफ्लेक्टर, हर दिन हो रहे हादसे

जागरण संवाददाता, संगरूर

अब इसे विकास कहें या लोगों के लिए जी का जंजाल। लोक निर्माण मंत्री के शहर में विकास खूब चल रहा है। कहीं सड़कें चहुमार्गीय बन रही हैं, तो कहीं चौक-चौराहों की दशा सुधारी जा रही है, कितु विकास के चल रहे इन कार्यों में बरती जा रही लापरवाही शहर निवासियों के लिए सिरदर्दी व हादसों का कारण बन गई हैं। निर्माण अधीन सड़कों पर चेतावनी बोर्ड, सूचना बोर्ड, रोशनी के लिए लाइट व राहगीरों को सचेत करने के लिए कोई अन्य प्रबंध न होने कारण लोग हर दिन हादसों का शिकार हो रहे हैं। संबंधित विभाग की अनदेखी व ठेकेदार की लापरवाही कारण किसी भी समय किसी राहगीर की जान जा सकती है।

गौर हो कि शहर में सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। सड़कों के मध्य में डिवाइडर बनाने के लिए सड़कों को बीच से काट दिया गया है। पटियाला रोड के पुल से लेकर मिल्क प्लांट रोड, पटियाला बाईपास रोड, आर्मी रोड, रणबीर कालेज रोड, बरनाला रेलवे पुल से पुलिस लाइन रोड तक डिवाइडर बनाया जाना है, जिसके लिए सड़कों की खुदाई जारी है। इन जगहों पर कोई चेतावनी बोर्ड, सूचना बोर्ड नहीं लगा। लोक निर्माण मंत्री के शहर में यह सरकार की उदासीनता ही है कि सड़कों पर रोशनी का भी पर्याप्त प्रबंध नहीं हैं और ऊपर से सड़कों के मध्य में काटे गए डिवाइडर के लिए रास्ते अब रात के अंधेरे में राहगीरों को दिखाई ही नहीं पड़ते और लोग इनके कारण हादसों का शिकार हो रहे हैं। -------------------

कालेज रोड पर नहीं रोशनी का प्रबंध सरकारी रणबीर कालेज की बात करें तो यहां पर भी सड़क पर डिवाइडर का निर्माण जारी है, लेकिन यहां पर भी रोशनी का प्रबंध नहीं है। सड़क के दोनों तरफ रिहायशी इलाका होने के कारण राहगीरों को एकतरफ से दूसरी तरफ आने-जाने में दिक्कत होती है। राह से गुजरते वाहन भी सड़क के नीचे उतर जाते हैं व कभी गाड़ी पलट जाती है तो कभी दो पहिया वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं। रोशनी का प्रबंध करने में नगर कौंसिल संगरूर ही नहीं, बल्कि लोक निर्माण विभाग भी सुस्त है।

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केवल रेत की बोरियों का सहारा मेन रोड पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण बेशक हादसों को रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड, सूचना बोर्ड, रिफ्लेक्टर इत्यादि लगाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है, लेकिन मंत्री के हलके में ही विभाग व ठेकेदारी की सुस्ती इस कदर बरकरार है कि लोगों को जिदगी को राम भरोसे छोड़ दिया गया है। सड़कों को बीच से काटे जाने के बाद हादसों का खतरा काफी बढ़ गया है, लेकिन इन सड़कों पर राहगीरों को सचेत करने के लिए केवल रेत की बोरियां का ही सहारा है। कई-कई फीट की दूरी पर रखी बोरियां हादसों को रोकने के लिए नाकाम साबित हो रही हैं, वहीं अंधेरे के कारण यह बोरियां भी दिखाई नहीं पड़ती, जिस कारण हर दिन हादसे हो रहे हैं।

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आज ही लगाई जाएंगी सफेद पट्टी व चेतावनी बोर्ड जेई हरमेल सिंह ने कहा कि आज ही निर्माण कार्य स्थल पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे, ताकि राहगीर सचेत रहें। साथ ही जहां पर डिवाइडर के लिए खुदाई की गई है, वहां पर सफेद रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाई जाएंगी, ताकि रात के अंधेरे में वाहन की लाइटों में यह चमक सकें व राहगीर को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। ------------------------ रोशनी के अभाव में डिवाइडर पर चढ़ी कार, बठिंडा का परिवार बाल-बाल बचा जासं, संगरूर : बुधवार रात को पटियाला से अपनी बेटी की परीक्षा दिलाकर बठिडा वापस जा रहे तेजिदर कुमार व उनका परिवार हादसे का शिकार हो गया। पटियाला बाईपास से वाल्मीकि चौक की तरफ आते हुए अचानक गाड़ी सड़क के कट से असंतुलित हो गई व तेजरफ्तार गाड़ी डिवाइडर पर जा चढ़ी। तेजिदर कुमार ने बताया कि डिवाइडर के लिए खोदी सड़क के कट से गाड़ी का पहिया नीचे उतर गया, जिस कारण गाड़ी असंतुलित हो गई व डिवाइडर पर चढ़कर पलट गई। आसपास के लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद गाड़ी के शीशे तोड़कर कार सवारों बाहर निकाला। भले ही कार सवार बाल-बाल बच गए, लेकिन गाड़ी का काफी नुकसान हुआ।

आसपास के राहगीरों ने बताया कि सड़क पर ईंट, पत्थर, रेत-बतरी बिखरी होने व रोशनी का अभाव होने के कारण पिछले कई दिनों से हादसे हो रहे हैं। ठेकेदार द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जिसका खामियाजा राहगीरों को हर दिन हादसों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। --पुलिस लाइन रोड पर भी हुआ था हादसा, बाल-बाल बचे थे कार सवार

बरनाला रेलवे पुल के पुलिस लाइन की तरफ उतरने पर सामने ही डिवाइडर बना है, लेकिन यहां पर भी लाइटों का अभाव है। करीब तीन दिन पहले ही पुल से उतरती तेज रफ्तार कार सीधे डिवाइडर पर जा चढ़ी। कार सवार सफीक अहमद व उसका साथी घायल हो गया था, जिसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल संगरूर ले जाया गया, जहां से उसे पटियाला रेफर कर दिया गया।

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