मां का दूध बच्चे के लिए वरदान, छह माह पिलाएं केवल मां का दूध : डा. आहूजा
मां के दूध की महत्ता बताने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष एक से सात अगस्त तक ब्रेस्ट फीडिग वीक मनाया जाता है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
मां के दूध की महत्ता बताने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष एक से सात अगस्त तक ब्रेस्ट फीडिग वीक मनाया जाता है। इसके तहत लायंस क्लब संगरूर ग्रेटर के सहयोग से सिविल सर्जन संगरूर डा. अंजना गुप्ता के निर्देश पर सरकारी नर्सिंग कॉलेज संगरूर में समागम करवाया गया। मां के दूध की महत्ता को बाखूबी बयान किया गया।
बच्चों के माहिर डा. वीके आहूजा ने जिले की समूह आशा फैस्लिटेटर व एलएचवी, एएनएम को संबोधित करते कहा कि मां का दूध बच्चे के लिए वरदान है। पहले छह महीने केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। मां के बच्चों को दूध पिलाने में माहिर न होने, नवजन्में बच्चे को छाती से न लगाने, सीरेजियन डिलीवरियों में बढ़ोतरी जैसे कारणों से बच्चा मां के दूध से वंचित रह जाता है। 88 फीसद डिलीवरी अस्पतालों में होने के बावजूद भी मां का दूध पहले घंटे में शुरू करने की दर 51 फीसद, एकांतर दूध की दर केवल 61.9 फीसद, कंप्लीमेंटरी फीड की दर 56 फीसद, 6 से 8 महीने की आयु में उपयुक्त खुराक की दर केवल 16.9 फीसद ही है। अभी भी 26.9 फीसद बच्चे जरूरी वजन से कम वेट के हैं।
जिला परिवार भलाई अफसर डा. इंद्रजीत सिगला ने कहा कि साधारण डिलीवरी के समय पहले घंटे के भीतर व सिजेरियन होने के चार घंटे के भीतर बच्चे को मां का दूध पिलाना चाहिए। मास मीडिया अफसर विजय कुमार ने समूह सेहत मुलाजिमों को सात अगस्त तक समूह माताओं को दूध की महत्ता व पिलाने के तरीके से अवगत करवाने की अपील की। मौके पर डीएमसी डा. परमिदर कौर, डिप्टी मास मीडिया अफसर लखिवंदर विर्क, सरोज रानी, लायंस क्लब संगरूर ग्रेटर के प्रधान विनोद दीवान, सचिव जसपाल सिंह, चमन सिधाना, सुखमिदर सिंह, प्रितपाल सिंह, अशोक गोयल, शिव जिदल उपस्थित थे।