मोबाइल व विडियो गेम्स हैं बच्चों के मोटापे का कारण: डा. सिगला
बच्चे मासूम हैं अनजान हैं लेकिन अभिभावकों को तो अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए।
सचिन धनजस, संगरूर
बच्चे मासूम हैं, अनजान हैं, लेकिन अभिभावकों को तो अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए। सिर्फ अपनी सुविधा के लिए अभिभावकों ने बच्चों को शारीरिक कसरत को छोड़कर वीडियो व मोबाइल गेम्स में उलझा दिया है, जो बच्चों के लिए बेहद घातक व खतरनाक हैं। अभिभावकों को अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए, तभी एक तंदुरुस्त भविष्य की कल्पना की जा सकती है। आजकल मोटापे की वजह फिजिकल एक्टिविटी कम, एक ही जगह घंटों बैठकर मोबाइल गेम व वीडियो गेम खेलना, टीवी देखना और साथ ही कुछ न कुछ खाते रहना है।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. अमित सिगला ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि जब उन्होंने डाक्टरी का कार्य शुरू किया था, उस समय लोग उनके पास यह समस्या लेकर आते थे कि उनके बच्चे का वजन कम है व उनका बच्चा कमजोर है, कितु पिछले पांच वर्षों में उनके पास इसके विपरीत केस सामने आ रहे हैं। अब उनके पास इलाज के लिए आने वाले बच्चों में 50 प्रतिशत बच्चे मोटापे का शिकार हैं। अभिभावकों को अपने बच्चों के मोटापे संबंधी ध्यान न देने के चलते बच्चे अन्य बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।
डा. सिगला ने कहा कि पंजाब में ज्यादातर यह प्रचलन है कि जो बच्चा मोटा है, वह तंदुरूस्त है व जो पतला है वह कमजोर है। यदि वह बच्चों के अभिभावकों को समझाने की कोशिश करते हैं कि उनका बच्चा मोटापे का शिकार हो रहा है तो वह इस बात को मानने को तैयार नहीं होते हैं। पहले लोगों में ब्लड प्रेशर, शूगर व हार्ट अटैक की समस्याएं 50 वर्ष की आयु के बाद आती थी, कितु नई युवा पीढ़ी में यह 20 से 25 वर्ष की आयु में ही देखने को मिलने लगी हैं, जिसका एक मुख्य कारण बच्चों का बढ़ रहा मोटापा भी है। यदि मोटापे पर समय पर कंट्रोल न किया गया, तो आने वाले समय में यह समस्या 10 से 15 वर्ष के बच्चों में भी आने लगेगी।
---------------------- - बच्चों की डाइट करें संतुलित डा. अमित सिगला ने कहा कि बच्चों को कार्बोहाइड्रेट डाइट देने की बजाए प्रोटीन डाइट जैसे दाल, हरी सब्जियां, अंडे, चने, पनीर, राजमाह आदि पौष्टिक चीजें देने के रूझान को बढ़ाना चाहिए। फल आदि को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। मोटापे की कोई भी दवा नहीं है। यदि किसी बच्चे को थाइराइड की शिकायत है तो उसका इलाज किया जा सकता है, कितु मोटापा डाइट व कसरत से ही ठीक किया जा सकता है।