शिक्षामंत्री के खिलाफ निकाली मिड-डे-मील वर्करों ने भड़ास

शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिगला के शहर में रविवार को लाल झंडा मिड-डे-मील वर्कर यूनियन की अगुआई में मिड-डे-मील वर्करों ने काले झंडे व दुपट्टे लेकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 06:17 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 06:17 PM (IST)
शिक्षामंत्री के खिलाफ निकाली मिड-डे-मील वर्करों ने भड़ास
शिक्षामंत्री के खिलाफ निकाली मिड-डे-मील वर्करों ने भड़ास

जागरण संवाददाता, संगरूर

शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिगला के शहर में रविवार को लाल झंडा मिड-डे-मील वर्कर यूनियन की अगुआई में मिड-डे-मील वर्करों ने काले झंडे व दुपट्टे लेकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। शहर में रोष मार्च निकालकर रेस्टहाउस के समक्ष धरना लगाया। यहां पंजाब सरकार, शिक्षा विभाग व शिक्षामंत्री के खिलाफ रोष जाहिर किया।

रोष रैली की अगुआई प्रधान जसमेल कौर बीरकलां, कामरेड प्रधान सीटू सरबजीत कौर वडैंच ने की। मिड-डे-मील वर्करों के संघर्ष की सीटू के सचिव कामरेड देवराज वर्मा, मक्खन सिंह जखेपल ने हिमायत की।

धरने के दौरान प्रधान जसमेल कौर बीरकलां, कामरेड सरबजीत कौर वड़ैच ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान भी मिड-डे-मील वर्करों से विधानसभा चुनावों के समय किए वादों को पूरा नहीं किया है।आज भी मिड-डे-मील वर्कर आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही हैं। उन्होंने सरकार से मिड-डे-मील वर्करों को कम से कम वेतन के दायरे में लाकर 21 हजार वेतन का लाभ देने, जीवन बीमा योजना का लाभ देने, वर्करों को प्रसूता छुट्टी का लाभ देने, स्कूलों में 12वीं कक्षा तक मिड-डे-मील स्कीम लागू करने की मांग की। सरबजीत कौर ने शिक्षामंत्री विजयइंद्र सिगला ने अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान सरकार को पत्र लिखा था कि मिड-डे-मील वर्करों पर कम से कम कानून को लागू किया जाए, लेकिन अब जब वह खुद शिक्षामंत्री हैं तो यह कानून लागू नहीं किया जा रहा। पिछले दस वर्ष के दौरान मात्र दो वर्करों को ही प्रसूता छुट्टी का लाभ मिला है।

पंजाब सीटू के उप्रपधान देवराज वर्मा ने विभाग द्वारा मिड-डे-मील वर्करों से अतिरिक्त काम लेने बाबत लिखे गए पत्र की निदा करते हुए कहा कि यह सरकार व विभाग की सरासर धक्केशाही है। इस पत्र को तुरंत रद किया जाना चाहिए। इस दौरान परमजीत कौर गुमटी, अजायब सिंह, फकीर चंद टिब्बा, देवी दियाल, निर्मल कौर, खुशप्रीत कौर, नसीब कौर आदि उपस्थित थे।

-------------------- ये हैं मांगें दर्जा चार कर्मचारी की दर्जा देने, खुराक के लिए कम से कम 50 रुपये प्रति बच्चा तय करने, लेबर कानून अनुसार सभी सुविधाएं वर्करों को देने, बराबर काम बराबर तनख्वाह का फार्मूला लागू करने, सभी कर्मियों को पेंशन के घेरे में लाने, पब्लिक अदारों का निजीकरण बंद करने, किसान विरोधी तीन कानून रद करने की मांग की।

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