वैक्सीनेशन करवाएं, पहनकर रखें मास्क, कोविड से मिलेगी निजात
कोरोना महामारी को लेकर लोगों के जहन में कई प्रकार के सवाल व आशंकाएं पैदा हो रही हैं।
मनदीप कुमार, संगरूर
कोरोना महामारी को लेकर लोगों के जहन में कई प्रकार के सवाल व आशंकाएं पैदा हो रही हैं। इन सवालों का माहिर डाक्टर के माध्यम से हल करवाने के लिए कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला ने इंटरनेट मीडिया पर आस्क द कोविड एक्सपर्ट प्रोग्राम आरंभ किया है। इस प्रोग्राम में माहिर डाक्टर के समक्ष लोगों के पूछे गए सवाल कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला द्वारा रखे जाते हैं। उक्त प्रोग्राम पर ही डाक्टर द्वारा इन सवालों के जवाब दिए जा रहे हैं, ताकि लोगों की सभी प्रकार की आशंकाएं दूर हो सकें।
पहले प्रोग्राम के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला प्रधान डा. मनदीप सिंह ने भाग लिया व लोगों के सवालों के जवाब दिए। पंजाब भर से संबंधित लोग अपने सवाल कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला के इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर भेज सकते हैं। यह प्रोग्राम आगे भी जारी रहेगा। -सवाल : कोरोना से बचाव के लिए डबल मास्क कितना कारगर है या कौन-सा मास्क लगाना बेहतर हैं। -कोरोना महामारी से बचने के लिए मास्क पहला विकल्प है, जिसका प्रयोग करना बेहद जरूरी है। सबसे बेहतर एन 95 मास्क है, जिसे पूरी तरह से सुरक्षित माना गया है। कपड़े का मास्क तीन लेयर का होना चाहिए। डबल मास्क का इस्तेमाल पहनने का फायदा यह है कि इससे फिल्ट्रेशन काफी बढ़ जाती है व संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। कपड़े के मास्क के साथ सर्जिकल मास्क पहना जा सकता है। ऐसे में अगर किसी संक्रमित मरीज के समीप हैं तो भी कोरोना वायरल मास्क के भीतर से सांस के जरिये शरीर में दाखिल नहीं हो सकता व स्वस्थ व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा कम हो जाता है। प्रश्न : वैक्सीनेशन के बारे में लोगों के मनों में कई भ्रम हैं। वैक्सीनेशन से लोग सुरक्षित हैं या नहीं? --एक लंबे अंतराल के बाद भारत ने कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन की खोज की है। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। लोग अफवाहों से दूर रहें, क्योंकि वैक्सीनेशन का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। वैक्सीन लगवाने के बाद हल्का बुखार, बाजू में दर्द, हल्की एलर्जी हो सकती है जो मामूली समस्या है, जिससे ठीक हो सकते हैं। वैक्सीन की पहले ही पूरी तरह से टैस्टिग हो चुकी है।
प्रश्न : वैक्सीन लगवाने के बाद भी संक्रमित क्यों?
--वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित होने से कोई डरने वाली बात नहीं है। हो सकता है कि वैक्सीनेशन से पहले व्यक्ति कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया हो। वैक्सीन के बाद शरीर कुछ दिन या सप्ताह का समय एंटीबॉडीज बनाने के लिए लेता है। इसी समय के दौरान व्यक्ति कोरोना वायरस के संपर्क में आ जाए तो कोरोना से संक्रमित हो सकता है, लेकिन इसका कारण वैक्सीन नहीं है। प्रश्न : कोरोना के नए वैरिएंट बी1617 क्या बच्चों के लिए अधिक खतरनाक है? --कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक होने की संभावना माहिरों द्वारा जताई जा रही है। अभी तक किसी वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर नहीं हुआ है और अभी तक बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। इसलिए बच्चों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। प्रश्न : क्या गाय का गोबर या गोमूत्र कोरोना से बचाने में सक्षम है? --नहीं। ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि गाय का गोबर शरीर पर लगाना या गोमूत्र कोरोना से बचाने में सक्षम है। किसी माहिर या वैज्ञानिक ने इसकी पुष्टि नहीं की। लोगों को ऐसी अफवाहों पर गौर नहीं करना चाहिए। ---------------------- वैक्सीन जरूर करवाएं व अपना बचाव करें
कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला ने लोगों से अपील की कि वह अपने सवाल आस्क द कोविड एक्सपर्ट लिखकर उन्हें फेसबुक, ट्वीटर, इंस्ट्राग्राम पर भेज सकते हैं। इन सवालों का जवाब माहिर डाक्टरों के माध्यम से दिए जाएंगे। साथ ही लोग कोविड से बचाव के लिए सेहत विभाग की हिदायतों का पालन करें व जल्द से जल्द मौका मिला मिलते ही वैक्सीन लगवाएं।