भगवान महावीर की पाठशाला आलौकिक है : महासाध्वी
जैन स्थानक में चल रही धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासाध्वी मीना ने जागरूक किया।
जागरण संवाददाता, संगरूर : जैन स्थानक में चल रही धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासाध्वी मीना महाराज ने फरमाया कि भगवान महावीर की पाठशाला आलौकिक है। जहां केवल धर्म व सेवा की बात होती है। मनुष्य में अच्छे गुण पैदा कर उसे जीने की कला सिखाई जाती है। आज की भागदौड़ भरी जिदगी में मानव कर्तव्य को भूलता जा रहा है। जिससे बच्चों को धर्म के बारे में पता नहीं चल पाता। काम करने के चक्कर में बच्चों को धर्म की शिक्षा नहीं दी जा रही। इसी वजह से बच्चे संस्कारी बनने की बजाय अड़ियल रवैये वाले बनते जा रहे हैं। ऐसे में यदि धर्म को अपनाकर अच्छी शिक्षाओं को जीवन में लाया जाए तो जिदगी स्वर्ग बन जाती है। सभी प्रकार की परेशानियां मिट जाती हैं। औलाद आज्ञाकारी बन जाती है। महासाध्वी ने कहा कि जब से चातुर्मास प्रारंभ हुआ है तब से हमें हिदी वर्णमाला सिखाई जा रही है। इसके जरिए जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। अगर आदतों में सुधार आएगा तो जीवन सुखी बनेगा। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास बढ़ाएं और ईष्र्या से बचें। अपने माता पिता को कभी न भूलें। अपने मन को साफ करें।
महासाध्वी ने कहा कि जब से चातुर्मास प्रारंभ हुआ है तब से हमें हिदी वर्णमाला सिखाई जा रही है। इसके जरिए जीवन में खुशहाली ला सकते हैं। अगर आदतों में सुधार आएगा तो जीवन सुखी बनेगा इसलिए भक्ति के मार्ग पर चलना चाहिए, जिससे जीवन में सुख प्राप्त होता है।।
इस मौके तपस्या में महक गर्ग, सतभूषण गर्ग, मधुमती, महेंद्र कुमार द्वारा महामंत्र का जाप किया गया।