बस खुद को तोलें, देख दूसरों को मत डोलें : समर्थ महाराज

जागरण संवाददाता संगरूर बस खुद को तोलें देख दूसरों को मत डोलें। उक्त विचार स्थानीय मैगजीन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 05:11 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 05:11 PM (IST)
बस खुद को तोलें, देख दूसरों को मत डोलें : समर्थ महाराज
बस खुद को तोलें, देख दूसरों को मत डोलें : समर्थ महाराज

जागरण संवाददाता, संगरूर : बस खुद को तोलें, देख दूसरों को मत डोलें। उक्त विचार स्थानीय मैगजीन मोहल्ले में चल रही धर्मसभा को संबोधित करते हुए महासाध्वी समर्थ महाराज ने व्यक्त किए। सभा में हिदी वर्णमाला के त अक्षर पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहाकि हमें खुद की तुलना किसी और से नहीं करनी चाहिए। दूसरों को देखकर खुद डोलना नहीं चाहिए। क्योंकि सभी में भगवान ने विभिन्न गुण पैदा किए हुए हैं। ऐसे में यदि दूसरे से तुलना करते हुए मन में हीनता पैदा करेंगे तो इससे खुद का ही नुकसान होगा। तेरा मेरा चलते कल्याण नहीं हो सकता। दूसरे से तुलना करना खुद की बेइजती करने के समान है। माता सीता के चरित्र पर चर्चा करते हुए कहा कि अयोध्या निवासियों के गलत प्रचार के चलते श्री राम ने माता सीता का आवेश में आकर परित्याग कर दिया। वह सीता को गर्भवती होने के बावजूद जंगल में छोड़ आए। सीता ने पूछा कि उसका क्या कसूर है, तो सेनापतियों ने कहा कि लोगों को चुप करवाने के लिए आप को जंगल में छोड़ा गया है। सीता ने कहा कि श्री राम ने यह कदम उठाने से पहले उनसे पूछ लेना था। ऐसे ही लोगों की बात पर किसी को जंगली जानवरों के सहारे छोड़ देना कहां का न्याय है। महासाध्वी ने कहा कि माता सीता ने श्री राम के प्रति पति धर्म निभाने के लिए कितनी यातनाएं सहीं। ऐसे में प्रत्येक महिला का सम्मान करना चाहिए।

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