जम्हूरी संगठनों ने निकाला रोष मार्च, बुद्धिजीवियों को रिहा करने की मांग

भीमा कोरेगांव केस में गिरफ्तार किए गए बुद्धिजीवियों वकीलों लेखकों व कलाकारों की रिहाई की मांग को लेकर जम्हूरी अधिकार सभा की अगुआई में विभिन्न जम्हूरी संगठनों के नेताओं ने प्रधान नामदेव सिंह भुटाल के नेतृत्व में रोष मार्च निकाला।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 05:40 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 05:40 PM (IST)
जम्हूरी संगठनों ने निकाला रोष मार्च, बुद्धिजीवियों को रिहा करने की मांग
जम्हूरी संगठनों ने निकाला रोष मार्च, बुद्धिजीवियों को रिहा करने की मांग

जागरण संवाददाता, संगरूर

भीमा कोरेगांव केस में गिरफ्तार किए गए बुद्धिजीवियों, वकीलों, लेखकों व कलाकारों की रिहाई की मांग को लेकर जम्हूरी अधिकार सभा की अगुआई में विभिन्न जम्हूरी संगठनों के नेताओं ने प्रधान नामदेव सिंह भुटाल के नेतृत्व में रोष मार्च निकाला। इससे पहले संगठनों के कार्यकर्ता स्थानीय बनासर बाग में जमा हुए व शहर में प्रदर्शन किया गया।

इंकलाबी जमहूरी मोर्चा पंजाब के प्रधान स्वर्णजीत सिंह, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के नेता लखवीर सिंह, पंजाब स्टूडेंट यूनियन के नेता सुखदीप हथन, भाकियू एकता उगराहां के नेता बहादर सिंह, डीटीएफ के नेता रघबीर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरेगांव व दिल्ली हिसा के मामले में किसानों, बुद्धिजीवियों, लेखकों इत्यादि नेताओं को जेल में बंद कर रखा है। एनआइए द्वारा जांच पड़ताल के बहाने घरों में तलाशी लेकर परिवार वालों को परेशान किया जा रहा है। जेल में बंद बुजुर्ग, विकलांगों से अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पंजाब रेडिकल स्टूडेंटस यूनियन के रछपिदर जिम्मी, डीटीएफ के नेता हरभगवान गुरने, तर्कशील सोसायटी के नेता मास्टर परमवेद ने कहा कि केंद्र सरकार अपने मंसूबों को जिदा रखने के लिए बेकसूरों को जेल में डाल रही है। देश में फूट डालकर लोगों को आपस में लड़ाया जा रहा है। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि जेल में डाले गए बुद्धिजीवियों, किसानों व लेखकों को रिहा करने, झूठे केस वापस लेने, कृषि कानून, किरत कानून वापस लेने की मांग की।

इस मौके कुलदीप सिंह, जगरूप सिंह, सुखदेव सिंह, जरनैल सिंह सहित महिलाएं व संगठनों के प्रवक्ता उपस्थित थे।

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