इक अरज मेरी सुन लो, दिलदार कन्हैया..

गांधी चौक में श्री सत्य नारायण मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन में वृंदावन से पधारे डा. संजय कृष्ण सलिल महाराज ने बताया कि वेदब्यास जी ने चार वेदों की रचना की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:12 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:12 PM (IST)
इक अरज मेरी सुन लो, दिलदार कन्हैया..
इक अरज मेरी सुन लो, दिलदार कन्हैया..

संवाद सहयोगी, अहमदगढ़ (संगरूर) : गांधी चौक में श्री सत्य नारायण मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन में वृंदावन से पधारे डा. संजय कृष्ण सलिल महाराज ने बताया कि वेदब्यास जी ने चार वेदों की रचना की। फिर भी उनके मन में शांति नही हुई। बाद में सत्रह पुराण लिखे, लेकिन शांति नहीं हुई। एक दिन नारद जी व्यास जी के पास आए, उनको उपदेश किया कि जब तक भगवान कृष्ण की कथा नहीं लिखोगे, तब तक शांति नहीं मिलेगी। जब ऐसा उपदेश नारद जी ने वेद व्यास को दिया, तब व्यास ने श्रीमद्भागवत की रचना की। महाभारत की कथा, परीक्षित का जन्म, माता कुंती की स्तुति ये कथाएं महाराज जी ने श्रवण की। भजन नीं मैं नचना श्याम दे नाल, अज मैनूं नच लैन दे..भजन गाकर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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