डाक से भेजा तलाकनामा, पुलिस ने दर्ज किया केस

पति-पत्नी का पवित्र रिश्ता तब तार-तार हुआ जब पति ने निकाह से पौने दो वर्ष के बाद डाक के जरिए तलाकनामा केवल इसलिए भेज दिया क्योंकि वह पैसे की डिमांड पूरी नहीं कर सकी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 06:22 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 06:22 AM (IST)
डाक से भेजा तलाकनामा, पुलिस ने दर्ज किया केस
डाक से भेजा तलाकनामा, पुलिस ने दर्ज किया केस

संवाद सूत्र, मालेरकोटला

पति-पत्नी का पवित्र रिश्ता तब तार-तार हुआ, जब पति ने निकाह से पौने दो वर्ष के बाद डाक के जरिए तलाकनामा केवल इसलिए भेज दिया, क्योंकि वह पैसे की डिमांड पूरी नहीं कर सकी। कानून के नजरिए से देखा जाए तो यह गैरकानूनी है। मुस्लिम वूमैन एक्ट 2019 के तहत कोई भी मुस्लिम पति अपनी पत्नी को एक ही समय पर तीन बार तलाक शब्द कहकर तलाक नहीं दे सकता। उसे बकायदा कानूनी विधि मुताबिक तलाक देना होगा। लड़की वालों के मुताबिक ससुराल परिवार दहेज लाने के लिए उसे परेशान करता था। मना करने पर उन्होंने उसे घर से निकाल दिया।

पीड़ित लड़की ने एसएसपी मालेरकोटला को लिखती शिकायत में बताया कि उसका निकाह एक जनवरी 2019 को मुस्लिम रीति रिवाज के साथ इंपायर रिसोर्ट मालेरकोटला में अरशद खां से हुआ था। निकाह से पहले रिग सेरेमनी रानी पैलेस में की गई। उसके माता पिता ने निकाह पश्चात लड़के वालों को सोने चांदी के गहने, फर्नीचर, कपड़े का दहेज दिया। फोर्ड कार व फर्नीचर के लिए दस लाख रुपये नकद अलग से दिए गए। निकाह के कुछ दिनों के बाद उसके पति व ससुराल परिवार ने उसे सात लाख रुपये लाने को कहा। जब उसने मना किया तो उन्होंने उसे बुरी तरह से पीटा और आखिर घर से निकाल दिया। अब डाक के जरिए उसके पति ने तलाकनामा भेज दिया है।

डीएसपी मालेरकोटला द्वारा शिकायत की पड़ताल के पश्चात अपनी रिपोर्ट पेश करते कहा कि अरशद खां ने दो और लोगों की गवाही डलवाकर 500 रुपये के अस्टाम पर तलाकनामा डाक के जरिए लड़की के घर भेजा है। उसे मालूम था कि तीन तलाक कानूनी जुर्म है इसलिए उसने डाक के जरिए प्रक्रिया को अंजाम दिया। ---------------------- पति, सास व जेठ पर मामला दर्ज

लड़की के बयान पर वूमेन पुलिस थाना मालेरकोटला ने आरोपित पति अरशद खां, सास शमीम नाज व जेठ अमजद खान निवासी अजीमपुरा के खिलाफ आइपीसी की धारा 498 ए और 406 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। तीनों की गिरफ्तारी बाकी है।

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