खतरे की तरफ घग्गर का जलस्तर, अगले दो दिन बेहद गंभीर

पहाड़ी इलाकों में तेजी से हो रही बरसात से घग्गर दरिया का जलस्तर बढ़ा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 04:02 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 04:02 PM (IST)
खतरे की तरफ घग्गर का जलस्तर, अगले दो दिन बेहद गंभीर
खतरे की तरफ घग्गर का जलस्तर, अगले दो दिन बेहद गंभीर

अंकुर सिगला, मूनक (संगरूर)

पहाड़ी इलाकों में तेजी से हो रही बरसात से घग्गर दरिया का जलस्तर बढ़ा दिया है। इलाके में पिछले दो- तीन दिनों से रूक-रूककर हो रही बारिश के कारण घग्गर के किनारे कमजोर पड़ रहे हैं। घग्गर के किनारे बसे मूनक सहित अन्य गांवों के किसान चिता में हैं क्योंकि अगर जल स्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो अगले एक-दो दिन में जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच जाएगा।

प्रशासन बेशक बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए हर प्रकार का बंदोबस्त मुकम्मल कर लेने के दावे कर रहा है, जबकि प्रशासन के प्रबंध हकीकत से कोसों दूर हैं। वीरवार को घग्गर के किनारे मजबूत करने का काम भी बंद पड़ा हुआ था, जिससे साफ है कि प्रशासन के प्रबंध केवल खानापूर्ति तक सीमित हैं। वहीं किसान दिन-रात अपने खेतों व घग्गर के किनारों पर नजरें जमाए बैठें हैं, क्योंकि लगातार बढ़ता जलस्तर किसी भी समय मुसीबत बन सकता है। वीरवार को जल स्तर 738 फीट तक पहुंच गया है, जबकि 747 के बाद घग्गर के जलस्तर को खतरनाक माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि बढ़ते जलस्तर को मूनक के किसानों की नींद उड़ा रखी है, क्योंकि क्षेत्र से गुजरने वाले घग्गर दरिया का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उन्हें डर है कि कहीं गत वर्षों की तरह इस बार भी दरिया के किनारे टूटकर उनकी फसल बर्बाद न कर दें। इसलिए रात को किनारों पर नजरें जमाए बैठे किसान अपने खेतों में रातें गुजारने को मजबूर हैं। ऐसे में जब तक बरसात का मौसम गुजर नहीं जाता, तब तक किसानों की नींद उड़ी रहेगी। ------------------------ सरकार का कोई भी प्रवक्ता व वर्कर किनारे देखने नहीं पहुंचा

घग्गर कमेटी के किसान मेघ सिंह, जीत सिंह, प्रगट सिंह नंबरदार, मेवा सिंह, सुक्खा सिंह, काला सिंह, राजा सिंह, गुरजंट सिंह, मान सिंह ने कहा कि बाढ़ से बचने के लिए गांव सलेमगढ़, सूरजभैणी, भूंदड़भैणी व मूनक के किसान मिलकर दो सौ रुपये प्रति एकड़ पैसे इकट्ठे करके मिट्टी से किनारें मजबूत कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उन्हें केवल खाली थैले दिए जा रहे हैं। किसानों ने कहा कि अब तक सरकार का कोई भी प्रवक्ता व वर्कर किनारे देखने नहीं पहुंचा। वह दिन रात बारिश के बीच किनारों की निगरानी करने को मजबूर हैं। गत दिनों हुई बरसात का पानी सौ एकड़ फसल में जमा हो गया है। अगर पानी नहीं निकाला तो फसल बर्बाद होगी और अगर निकालते हैं तो किनारें कमजोर होने का डर है। उन्होंने मांग की कि फसल बचाने के लिए प्रशासन व सरकार कोई ठोस हल निकाले।

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किसानों को 25 हजार थैले मुहैया करवाए : एसडीओ ड्रेनज एसडीओ ड्रेनज विभाग चेतन गुप्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि घग्गर दरिया का पानी पीछे से बढ़ता आ रहा है। सरकार ने विभाग को कोई फंड जारी नहीं किया। विभाग ने किसानों को 25 हजार थैले व छह जाल मुहैया करवाए हैं। जरूरत पड़ी तो और जाल, थैले व जेसीबी का प्रबंध किया जाएगा। ---------------------- बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी: बीडीपीओ अन्नदाना

बीडीपीओ अन्नदाना एंड मूनक ने कहा कि उन्होंने डेढ लाख थैलों का प्रबंध किया है। इनमें से 50 हजार थैले किनारों की रिपेयर पर मनरेगा के जरिए लगाए जा चुके हैं। बाढ़ से निपटने हेतु पूरी तैयारी है। किसी किसान की फसल बर्बाद नहीं होने दी जाएगी।

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हर मुमकिन कोशिश करेंगे : एसडीएम गुप्ता एडिशनल चार्ज संभालते हुए एसडीएम प्रमोद गुप्ता ने कहा कि उनके पास दो दिनों का एडिशनल चार्ज है, लेकिन वह ड्रेनज विभाग व संबंधित अधिकारियों से बैठक कर जायजा ले रहे हैं। यदि प्रबंधन के बावजूद पानी बढ़ता है तो कोशिश तेज की जाएगी।

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