रोष बरकरार: दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे के जमीन मालिकों ने बैठक स्थल पर जारी रखा धरना

सरकार के खिलाफ दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे जमीन संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ताओं का जिला प्रबंधकीय परिसर के आडिटोरियम हाल में शुक्रवार को भी धरना प्रदर्शन जारी रहा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 04:09 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 04:09 PM (IST)
रोष बरकरार: दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे के जमीन मालिकों ने बैठक स्थल पर जारी रखा धरना
रोष बरकरार: दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे के जमीन मालिकों ने बैठक स्थल पर जारी रखा धरना

जागरण संवाददाता, संगरूर : दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे संबंधी नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया व पजाब प्रदूषण बोर्ड ने वीरवार को जमीन मालिकों के साथ बैठक रद कर दी थी। इसके बाद से सरकार के खिलाफ दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे जमीन संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ताओं का जिला प्रबंधकीय परिसर के आडिटोरियम हाल में शुक्रवार को भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। सारी रात जमीन मालिक आडिटोरियम हाल में धरने पर बैठे रहे। अगले दिन भी जमीन मालिकों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने एलान किया कि जब तक किसानों की जमीन अधिग्रहण (एक्वायर) न करने की लिखित सहमति प्रशासन नहीं देगा, तब तक धरना जारी रखा जाएगा। वीरवार को गुप्त तरीके से प्रशासन, एनएचएआइ (नेशनल हाईवे इंडिया अथारिटी) व प्रदूषण बोर्ड जमीन मालिकों से बैठक करने जा रहे थे, जिसे पीड़ित जमीन मालिकों ने मौके पर पहुंचकर ठप करवाया। जमीन मालिकों का कहना है कि प्रशासन सरकार के हाथ की कठपुतली बनकर इस एक्सप्रेस वे के लिए जमीन हथिया कर कंपनियों को देने की फिराक में है, जिसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम पर छीनने की हो रही कोशिश

दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे जमीन संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधि हरमनप्रीत सिंह डिक्की जेजी, जसपाल सिंह, रमनदीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की करोड़ों की जमीन को कौड़ियों के दाम पर छीनने का प्रयास कर रही है। 23 फरवरी को भवानीगढ़ तहसीलदार ने लिखित तौर पर संघर्ष कमेटी को पत्र दिया था कि प्रदूषण बोर्ड व एनएचएआइ के बीच होने वाली बैठक रद कर दी गई है, लेकिन वीरवार शाम को बैठक रखी गई, जहां बाहरी जमीन मालिक दिखाकर जमीन एक्वायर करने का रास्ता साफ करने की योजना थी। उन्होंने मौके पर पहुंचकर इस बैठक का विरोध किया तो बैठक रद कर दी गई।

74 किलोमीटर के क्षेत्र से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे

दिल्ली से कटरा तक निकाले जाने वाले एक्सप्रेस वे पटियाला के गांव गलोली से संगरूर के दहलीज गांव तक करीब 74 किलोमीटर में से होकर गुजरेगा। संगरूर के 50 से अधिक गांवों से 764-8 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की जानी है, जिसके लिए लगातार सर्वे किए जा रहे हैं। संघर्ष कमेटी के कार्यकर्ता इस जमीन को बचाने के लिए संघर्ष पर लगातार डटे हुए हैं। दिल्ली से कटरा तक की 725 किलोमीटर की दूरी इस एक्सप्रेस वे के जरिये 588 किलोमीटर ही रहने के दावे किए जा रहे हैं। संगरूर से गुजरने वाला दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे नेशनल हाईवे- 11, 12ए व एनएच-64 को आपस में जोड़ेगा। इस दौरान संगरूर में एक फ्लाईओवर भी बनाया जाएगा।

जमीन मालिकों का आरोप, दो हिस्सों में बंट जाएगी जमीन

किसानों ने आरोप लगाया कि एक्सप्रेस वे जमीन से करीब 15 फीट ऊंचाई पर बनाया जाएगा। इससे उनकी जमीन के बीच से गुजरने के कारण उनकी जमीन दो हिस्सों में बंट जाएगी। जमीन के एक टुकड़े से दूसरे टुकड़े पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं होगी, जिस कारण दोनों जमीन के हिस्सों पर जमीन की बिजाई से लेकर जमीन को पानी पहुंचाने का भी कोई साधन नहीं होगा। साथ ही एक्सप्रेस वे के ऊंचाई पर होने के कारण इनके दोनों तरफ कोई होटल, पंप, ढाबा, दुकान इत्यादि भी नहीं बन सकता। एक्सप्रेस वे बनने के बाद शेड्यूलड रोड एक्ट लागू हो जाएगा, जिसके बाद सड़क किनारे से जमीन के 30 मीटर के भीतर निर्माण नहीं किया जा सकेगा, ऐसे में बाकी जमीन किसानों के लिए बेकार होकर रह जाएगी।

प्रशासन की तरफ से नहीं हुई कोई पहल

शुक्रवार को आडिटोरियम हाल में रोष प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान कोई भी प्रशासनिक अधिकारी जमीन मालिकों से बातचीत करने के लिए नहीं पहुंचा। शाम तक धरना जारी रहा। कमेटी के कार्यकर्ताओं ने कहा कि समूह कमेटी द्वारा आपसी बातचीत के जरिये अगले संघर्ष की रणनीति बनाई जाएगी। फिलहाल धरना जारी रखा जाएगा।

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