मौसम के बदलते मिजाज से किसान चितित, मंडियों में गुजर रही रात

किसानों की चिता खत्म नहीं हुई है। बदलते मौसम के मिजाज के कारण किसानों को खेतों के बाद अब मंडियों में परेशानी झेलनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 03:45 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 03:45 PM (IST)
मौसम के बदलते मिजाज से किसान चितित, मंडियों में गुजर रही रात
मौसम के बदलते मिजाज से किसान चितित, मंडियों में गुजर रही रात

जागरण संवाददाता, संगरूर

किसानों की चिता खत्म नहीं हुई है। बदलते मौसम के मिजाज के कारण किसानों को खेतों के बाद अब मंडियों में परेशानी झेलनी पड़ रही है। धान की कटाई के समय बरसात होने से जहां कटाई का काम प्रभावित हुआ, वहीं अब धान के मंडी में पहुंच जाने के बाद मौसम ने फिर करवट बदल ली है। दो दिन से घने बादल आसमान में छाए हुए हैं, जिन्हें देखकर किसानों की धड़कनें तेज हो रही हैं, क्योंकि किसानों की खून-पसीने के कमाई खुले आसमान के तले पड़ी है। बेशक इलाके में बरसात नहीं हुई है, लेकिन मौसम साफ न होने के कारण नमी बढ़ने की संभावना है, जिससे किसानों को फसल बेचने के लिए कई दिन का इंतजार कहना होगा। मजबूरन किसान मंडियों में रात गुजारने को मजबूर हैं।

167 मंडियों में 56 ह•ार एमटी धान खरीदा: जिले की 167 मंडियों में धान की खरीद निर्विघ्न चल रही है। रविवार शाम तक इलाके में 60 हजार 708 मीट्रिक टन धान की आमद हुई है। खरीद एजेंसियां ने 56 हजार 544 मीट्रिक टन धान की खरीद कर ली है। पनग्रेन ने 24 हजार 102 मीट्रिक टन, मार्कफेड ने 6 हजार 582, पनसप ने 8 हजार 515 मीट्रिक टन, वेयरहाउस ने 7 हजार 345 एमटी खरीद कर दी है। मंडियों में धान की आमद ने अब रफ्तार पकड़ ली है और अनाज मंडियों में धान के ढेर लगने लगे हैं। मंडियों में 41640 टन धान की खरीद होनी अभी बाकी है। ------------------------ 63 करोड़ रुपये की हुई किसानों को अदायगी

डीसी रामवीर ने बताया कि किसानों को धान की तुरंत खरीद करके अदायगी भी लगातार की जा रही है। अब तक खरीद एजेंसियों द्वारा खरीद किए धान की 63 करोड़ 88 लाख की अदायगी हो चुकी है। किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी पेश नहीं आने दी जाएगी।

--------------------- बरसात का मौसम, लिफ्टिग सुस्त अनाज मंडी में खरीदी गई धान की लिफ्टिग की रफ्तार काफी सुस्त है, जिस कारण मंडी में कई जगहों पर धान की बोरियों के अंबार लगे हुए हैं। एजेंसियों ने 30 हजार 758 मीट्रिक टन धान की लिफ्टिग कर ली है, जबकि अब तक 56 हजार एमटी से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। ऐसे में 25 हजार 786 मीट्रिक टन धान की बोरियां मंडियों में पड़ी हैं। बरसात की संभावना लगातार बनी हुई है। ऐसे में अगर बरसात होती है तो खरीदा धान बरसात की भेंट चढ़ जाएगा, जिसकी मार न केवल खरीद एजेंसियों पर पड़ेगी, बल्कि लिफ्टिग भी प्रभावित हो जाएगी। ----------------------

मौसम की मार से किसान परेशान:

मंडी में मौजूद किसान जोगिदर सिंह, लखविदर सिंह, चमकौर सिंह ने कहा कि मौसम की मार का सामना करना पड़ रहा है। कटाई के बाद अब बिक्री के दौरान भी बरसात की संभावना जताई जा रही है। अगर बरसात होती है तो धान में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। सरकार द्वारा सत्रह फीसद नमी की शर्त रखी है, लेकिन अब मौसम का मिजाज बदलने से नमी अधिक हो रही है। मंडियों में पर्याप्त तिरपाल आदि के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन यह हकीकत दावों से दूर है। इस कारण किसानों को रातें मंडियों में गुजारने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ------------

लगातार जारी खरीद, बरसात से निपटने के प्रबंध मुकम्मल:- जिला मंडी अफसर मनदीप सिंह का कहना है कि मंडियों में धान की खरीद तेजी से जारी है। अब धान की आमद ने रफ्तार पकड़ ली है, जिस कारण धान तेजी से आ रहा है। मंडियों में धान की फसल को बरसात से बचाने के लिए शैड मौजूद हैं व तरपालों का पर्याप्त प्रबंध है। किसान अपनी सूखी फसल ही मंडी में लेकर पहुंचे, ताकि उनकी तुरंत खरीद की जा सके। अधिक नमी वाले धान की ही बिक्री के लिए किसान को इंतजार करना पड़ता है।

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