सुनाम व मालेरकोटला में भी गरजे किसान
जागरण टीम सुनाम/मालेरकोटला (संगरूर) भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने कृषि कानून
जागरण टीम, सुनाम/मालेरकोटला (संगरूर) : भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने कृषि कानूनों के विरोध में चार घंटे तक सुनाम, मालेरकोटला में रेलवे ट्रैक पर धरना देकर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। धरने में शहीद ऊधम सिंह के वारिस जीत सिंह ने शिरकत करते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि इन कानूनों को रद करके किसानों से सलाह के बाद नए कानून बनाए जाएं। किसान परिवारों की महिलाओं ने दावा किया कि दिल्ली में पुरुष किसान आंदोलन को संभाल रहे हैं व पंजाब में महिलाएं इसकी कमान थाम रही हैं। गांव उगराहां की बुजुर्ग महिला सुखपाल कौर ने कहा कि 'असीं मोदी दे कानूनां नूं लागू नहीं होण देवांगे। दिल्ली धरने विच्च साडे बंदे बैठे हण अत्ते पंजाब विच्च साडे टब्बर धरनेयां उते बैठे हण। गांव शेरों निवासी अंधे व्यक्ति रूलदू सिंह ने किसानों के दर्द को पेश करता गीत पेश करके महिलाओं को मोदी सरकार के विरोध में नारेबाजी करने के लिए विवश कर दिया। यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष जनक सिंह व जिलाध्यक्ष अमरीक सिंह ने कहा कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से निरंतर चलता रहेगा। सरकार इस आंदोलन को दबाने, बदनाम करने की कोशिश कर रही है। खेती कानूनों से देश का नब्बे फीसदी वर्ग प्रभावित होगा। इस मौके पर रामशरण सिंह, सरूप चंद, बहाल सिंह आदि उपस्थित थे।
उधर, मालेरकोटला में किसान संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर भाकियू कादिया, डकौंदा व अन्य संगठनों ने मालेरकोटला रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन तहत पटरियों पर धरना लगाया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए कृषि कानूनों को रद करने की मांग दोहराई। धरने दौरान परमजीत सिंह, जगदीश सिंह चौंदा, मास्टर मनजीत सिंह, कर्मजीत सिंह बनभौरा, लाल सिंह, कुलविदर सिंह गोगी, प्रधान राजवीर सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को जल्द रद न किया तो आने वाले समय में संघर्ष की रूपरेखा तेज की जाएगी। भाकियू उगराहां ने 21 फरवरी को बरनाला में विशाल महापंचायत करने का एलान किया। चार बजे किसानों ने रेलवे ट्रैक पर से घटना हटाकर धरना समाप्त किया।