जेलों में कैद बुद्धिजीवियों की रिहाई के लिए डीसी दफ्तर घेरा

जहूरी अधिकार सभा पंजाब के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन एकता ने धरना लगाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 04:39 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 12:38 AM (IST)
जेलों में कैद बुद्धिजीवियों की रिहाई के लिए डीसी दफ्तर घेरा
जेलों में कैद बुद्धिजीवियों की रिहाई के लिए डीसी दफ्तर घेरा

जागरण संवाददाता, संगरूर : जम्हूरी अधिकार सभा पंजाब के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने जेल भेजे गए बुद्धिजीवियों, लेखकों, चिंतकों की रिहाई के लिए राज्य के उप प्रधान जनक सिंह भुटाल की प्रधानगी में संगरूर शहर में विशाल रोष रैली निकाली गई।

अनाज मंडी में जमा हुए सैकड़ों की गिनती में किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां लेकर जिला प्रबंधकीय परिसर के समक्ष पहुंचे। जहां केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों ने रोष जाहिर करते हुए जेलों में बंद किए बुद्धिजीवियों को तुरंत रिहा करने की मांग की, साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पर गौर न किया गया तो भविष्य में संघर्ष को तेज किया जाएगा। किसानों ने जिला प्रबंधकीय परिसर के क्लब रोड गेट पर धरना लगाकर रोष जाहिर किया गया। जहां भारी गिनती में पुलिस बल तैनात किया गया। रोष रैली के दौरान राज्य के उप प्रधान जनक सिंह ने कहा कि छह जून 2018 के दिन महाराष्ट्र पुलिस द्वारा बुद्धिजीवियों व जम्हूरी हकों के प्रवक्ताओं को भीमा कोरेगांव केस में गिरफ्तार करने का सिलसिला शुरु किया गया। अब तक करीब 300 बुद्धिजीवियों को जेल में डाला जा चुका है। इन केसों में प्रोफेसर सोमा सेन, सुरिदर गैडलिग, गौतम नवलक्खा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव आदि को दिल्ली हिसा का दोषी करार देकर जेल में बंद किया है। इनमें से साई बाबा जिनका शरीर 99 प्रतिशत अपाहिज हो चुका है, उन्हें भी सैल में बंद कर रखा है जो मोदी सरकार द्वारा इंसाफ की आवाज को दबाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार द्वारा अभी तक शहीद भगत सिंह, शहीद ऊधम सिंह को शहीद का खिताब नहीं दिया गया, जबकि अंग्रेजों के तलवे चाटने वालों को बड़े पदों से नवाजा गया था। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि देश के बुद्धिजीवियों को रिहा न किया तो संघर्ष तेज किया जाएगा।

इस मौके जिला प्रधान अमरीक सिंह, मनजीत सिंह, ब्लाक प्रधान गोबिदर सिंह मंगवाल, जसवंत सिंह, गुरमेल सिंह, दर्शन सिंह, कुलविदर सिंह सहित बडी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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