धान की सीधी रोपाई की विधि अपनाकर पानी की बचत करें
जागरण संवाददाता संगरूर धान की खेती में प्रतिदिन बढ़ते खेती खर्च को घटाने के लिए धान की ड्रिल के साथ सीधी बुआई किसानों के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो रही है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
धान की खेती में प्रतिदिन बढ़ते खेती खर्च को घटाने के लिए धान की ड्रिल के साथ सीधी बुआई किसानों के लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो रही है। इससे जहां 15 से 20 फीसदी पानी की बचत होती है, वहीं किसानों के धान पर होने वाले खेती खर्च में अंदाजन 3,000 रुपए प्रति एकड़ तक की कटौती होती है। मुख्य कृषि अफसर संगरूर डा. जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल ने बताया कि कृषि व किसान भलाई विभाग की कोशिशों की वजह से सीधी बुआई किसानों के दिलों में घर बनाती जा रही है। इस तकनीक से एक एकड़ के लिए 8 से 10 किलो बीज को 8 से 12 घंटों के लिए पानी में भिगोकर छाया में सुखाना होता है। बाद में 3 ग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब के साथ सपरिट 75 डबल्यूऐस (मैनकोजैब कारबैंडाजिन) के साथ उपचारित करना होता है। फिर खेत में धान की फसल बीजने वाली ड्रिल के साथ 3 से 4 सैंटीमीटर गहराई पर बिजाई करनी चाहिए।
पिछले वर्ष जिलें में लगभग 27,680 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की सीधी बिजाई हुई थी। इस वर्ष भी डायरेक्टर कृषि व किसान भलाई विभाग द्वारा जिला संगरूर को धान की सीधी बिजाई में 55,400 हेक्टेयर क्षेत्रफल का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।