धान की पराली को आग लगाने से गुरेज करे किसान: डीसी
जिले में धान की पराली को आग लगाने के रुझान को रोकने के लिए प्रशासन ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
संवाद सहयोगी, मालेरकोटला
जिले में धान की पराली को आग लगाने के रुझान को रोकने के लिए प्रशासन ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसके तहत डीसी मालेरकोटला अमृत कौर गिल ने विभिन्न अधिकारियों से बैठक की। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए। आग लगने से पैदा होने वाले जहरीले धुएं से सांस के मरीजों को अधिक समस्या होती है। दूसरा सड़क हादसों की संख्या में बढ़ोतरी होती है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते सर्दी जुकाम की समस्या धुआं फैलने से और बढ़ेगी। इससे मरीजों को दिक्कत आएगी। ऐसे में मरीजों की सेहत, पर्यावरण की शुद्धता व आम लोगों की हिफाजत के लिए पराली जलाने से रोकना होगा। इसके लिए किसानों को कैंप, सेमिनार व प्रदर्शनी लगाकर जागरूक किया जाए। उन्होंने बताया कि जिले में सुपर सीडर, मलचर, आरएमबी, पलो, हैपी सीडर, सुपर एसएमएस सहित कई मशीनें उपलब्ध हैं जो पराली का निपटारा करने में सक्षम हैं। बैठक में शामिल अधिकारियों को हिदायत दी कि किसानों को मशीनरी का इस्तेमाल करने के प्रति प्रेरित किया जाए, गांव की सहकारी सोसायटियों में मशीनरी की कमी पूरी की जाए, रिमोर्ट सैसिग सेटेलाइट के जरिए निगरानी की जाए। पराली जलाने पर तुरंत कार्रवाई अमल में र्लाइ जाए।