जमीन बेचने के खिलाफ खनाल खुदें जुटे किसान
संगरूर किसानों और मजदूरों से सरकार के फैसले के खिलाफ किया प्रदर्शन।
जेएनएन, दिड़बा (संगरूर) :
शामलात जमीनों को बेचने के खिलाफ संघर्ष की तैयारी में खनाल खुर्द में रैली आयोजित की गई। इस मोके पर क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन ने गांवों की पंचायती जमीन को बचाने के लिए संघर्ष तेज कर दिया है। गांव खनाल खुर्द में रैली को संबोधित करते हुए क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के जिला प्रधान धर्मपाल सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार पंचायती जमीनें कंपनियों को बेचकर मजदूरों व किसानों को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इन जमीनों से अनुसूचित जाति वर्ग के मजदूर व महिलाओं का मान सम्मान जुड़ा है। क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन की अगुआई में संगरूर जिले से शुरु हुआ यह संघर्ष और जिलों की तरफ बढ रहा है। यह मजदूर व किसानों के खिलाफ फैसला लिया गया है क्योंकि वह नहीं चाहते कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोग अपनी जिदगी मान सम्मान से व्यतीत कर सकें। 1964 में बने विलेज कामन रेगुलेशन लैंड एक्ट के तहत दलित मजदूरों व छोटे किसानों को हक दिया गया था कि वह शामलात जमीन पर खेती कर सकेंगे। इसी कानून के तहत अगर इस जमीन को कंपनी या किसी व्यक्ति को बेचना है तो ग्राम सभा को गांव के 80 फीसदी लोगों की सहमति लेनी होती है, परंतु अब सरकार ने यह हक गांव की पंचायतों को देकर अपना मजदूर व किसान विरोधी चेहरा दिखा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले को क्रांतिकारी मजदूर यूनियन किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं करेगी। इसके तहत संगरूर व मानसा जिलों में 13 दिसंबर से लेकर 18 दिसंबर तक चक्का जाम करने की तैयारियां की जा रही है।