किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में किया जागरूक

कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी संगरूर के सहयोगी निदेशक डा. मनदीप सिंह की अगुआई में गांव तरंजी खेड़ी के किसानों को पराली न जलाने व प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए पांच दिवसीय सिखलाई कोर्स आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 04:07 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 04:07 PM (IST)
किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में किया जागरूक
किसानों को पराली प्रबंधन के बारे में किया जागरूक

जागरण संवाददाता, संगरूर

कृषि विज्ञान केंद्र खेड़ी संगरूर के सहयोगी निदेशक डा. मनदीप सिंह की अगुआई में गांव तरंजी खेड़ी के किसानों को पराली न जलाने व प्रबंधन के बारे में जागरूक करने के लिए पांच दिवसीय सिखलाई कोर्स आयोजित किया गया। इसका उद्घाटन करते हुए डा. मनदीप सिंह ने कहा कि इस बार खेड़ी कृषि केंद्र व फार्म सलाहकार सेवा केंद्र संगरूर द्वारा आइसीएआर स्कीम के तहत गांव तरंजी खेड़ा का चयन किया गया है। किसानों को जागरूक करते बताया कि 10 क्विटल पराली जलाने पर 400 किलो जैविक कार्बन, पांच किलो नाइट्रोजन, 3.2 किलो फासफोर्स, 25 किलो पोटाश और 1.2 किलो सल्फर तत्व नष्ट होते हैं। इसके अलावा मिट्टी के सूक्ष्म जीव, पेड़ और उन पर बैठने वाले पक्षियों के बसेरे जल जाते हैं। सड़क हादसों में बढ़ोतरी होने सहित दमे व अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को परेशानी होती है।

प्रमुख फार्म सलाहकार सेवा केंद्र संगरूर बूटा सिंह रोमाणा ने किसानों को पराली के हल संबंधी जानकारी दी। डा. यादविदर सिंह वैटनरी अफसर मूनक ने पशुधन व इसकी देखभाल संबंधी बताया। डा. सुनील कुमार सहायक प्रो. खेतीबाड़ी इंजीनियर ने खेती मशीनरी संबंधी सुझाव दिए। जिला मैनेजर हवा प्रदूषण एक्सन ग्रुप संगरूर अमन शर्मा ने आइ-खेत एप की सिखलाई दी व मोबाइल में डाउनलोड करवाया।

डा. अशोक कुमार सहायक प्रो. भूमि विज्ञान ने खड़ी पराली के बीच गेहूं की सीधी बुवाई करने संबंधी जानकारी दी। डा. रविदर कौर सहायक प्रो. बागबानी ने सब्जियों में पराली का इस्तेमाल, मशरूम उत्पादन, डा. गुरबीर कौर सहायक प्रो. प्लांट पलोलॉजी ने कीटों की रोकथाम संबंधी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

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