बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी

वीरवार रात्रि व शुक्रवार सुबह इलाके में हुई बरसात के कारण अनाज के नीचे पानी जमा हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 04:56 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 04:56 PM (IST)
बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी
बारिश ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी

जागरण टीम, संगरूर : वीरवार रात्रि व शुक्रवार सुबह इलाके में हुई बरसात के कारण अनाज मंडियों में गेहूं की फसल व गेहूं की भरी बोरियां गीली हो गई। बेशक प्रशासन की तरफ से फसल की संभाल के लिए तिरपालों का प्रबंध किया गया है, फिर भी बोरियों के नीचे पानी जमा होने के कारण फसल भीग गई, जिसके चलते किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारदाने की कमी अभी तक पूरी नहीं हुई है, जिस कारण मंडियों में समस्याओं का सामना किसानों को करना पड़ रहा है। दिड़बा की अनाज मंडी में रात की बरसात के कारण गेहूं की ढेर व बोरियों के नीचे पानी जमा हो गया। शुक्रवार सुबह बरसात रुकने के बाद किसान फसलों को नीचे से पानी निकालने में जुट गए। गांव जनाल के किसान जरनैल सिंह व अमनदीप सिंह ने कहा कि वह गेहूं की कटाई करके पिछले एक सप्ताह से मंडी में बैठे हैं परंतु बारदाना की कमी के कारण गेहूं की बोली नहीं हुई थी। अब बारिश के कारण फसल की ढेर भीग गई हैं। जिस कारण अब दो-तीन दिन गेहूं की फसल सूखने में लग जाएगा। एक तरफ प्रशासन बारदाना न भेजकर किसानों के लिए परेशानी का सबब बना है, वहीं बरसात ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। बरसात के कारण खेतों में चल रहा तूड़ी बनाने का काम भी रुक गया है। बदरंग हुई तूड़ी का रेट भी कम हो जाएगी।

शुक्रवार सुबह मौसम साफ होने पर लेबर की मदद से अनाज की बोरियों को पलटा गया, ताकि भीगी बोरियों को धूप में सुखाया जा सके। अनाज मंडी शेरपुर में मजदूर ज्ञान सिंह टिब्बा, बलदेव सिंह कालाबुला, बलवीर सिंह, प्रीतम सिंह, सुखदीप सिंह ने बताया कि लेबर द्वारा 5500 के करीब बोरियों में अनाज भरा गया था, जिसमें से 1400 बोरियों की ही लिफ्टिग हुई थी। लिफ्टिग सुस्त होने के कारण बाकी बोरियां मंडी में ही पड़ी थीं। बारिश होने के कारण बोरिया भीग गई, जिसे दोबारा से पलटा गया है। मजदूरों की दोहरी मेहनत हुई, साथ ही अब तीन-चार दिन तक फसल को सूखने में समय लग जाएगा, जिससे और दिन खराब होंगे। किसान शेर सिंह, केवल सिंह ने बताया कि बरसात ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। फसल के नीचे पानी चले जाने से फसल भीग गई है, जिसे सुखाने के बाद ही इसकी बोली होगी। बरसात के कारण घरेलू खरीदारों को भी सूखी गेहूं नहीं मिल रही हैं और लोग आढ़तियों की दुकानों से वापस जा रहे हैं।

7.87 लाख एमटी की हुई खरीद, 689 करोड़ की अदायगी

संगरूर: जिले की मंडियों में गेहूं की खरीद निर्विघ्न चल रही है। 22 अप्रैल तक विभिन्न मंडियों में 8 लाख 19 हजार 810 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हुई। जिसमें से विभिन्न खरीद एजेंसियों द्वारा 7 लाख 87 हजार 741 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है। खरीदी गेहूं की अब तक 4 लाख 24 हजार 967 मीट्रिक टन लिफ्टिग व 689 करोड़ 76 लाख की अदायगी किसानों को हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पनग्रेन ने 3 लाख 43 हजार 825 मीट्रिक टन, मार्कफेड ने एक लाख 68 हजार 764 मीट्रिक टन, पनसप द्वारा एक लाख 73 हजार 245 मीट्रिक टन पंजाब स्टेट वेयर हाऊस निगम द्वारा 91 हजार 520 मीट्रिक टन, एफसीएआइ ने 10 हजार 200 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है। जिले में तीन लाख 71 हजार मीट्रिक टन गेहूं की लिफ्टिग होनी बाकी है। मंडियों में तिरपालों का प्रबंध पूरा : मंडी अफसर

जिला मंडी अफसर जसपाल सिंह ने बताया कि मार्केट कमेटी, खुराक व सिविल सप्लाई विभाग, आढ़ती व किसानों द्वारा तिरपालें आदि के प्रबंध किए गए हैं, ताकि फसल को बरसात के बचाया जा सके। जिले की मंडियों में किसानों, मजदूरों व आढ़तियों को कोरोना से बचाने हेतु गेहूं खरीद केंद्रों में 81 पैरों से चलने वाले हैंडवाश व्यवस्था लगाए गए हैं।

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