तेल की बढ़ती कीमतों से किसानों में रोष
कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर स्थानीय रेलवे स्टेशन के बाहर किसान संगठनों द्वारा लगाया गया धरना 260वें दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, संगरूर
कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर स्थानीय रेलवे स्टेशन के बाहर किसान संगठनों द्वारा लगाया गया धरना 260वें दिन भी जारी रहा। किसानों ने देश में लगातार बढ रही तेल की कीमतों में कटौती करने की मांग की गई।
धरने की प्रधानगी करते हुए सरबजीत सिंह वडै़च ने कहा कि किसान लंबे समय से खेती कानून रद करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार अपना अडि़यल रवैया नहीं छोड़ रही है। केंद्र सरकार लगातार तेल की कीमतों में इजाफा कर रही है, जिसका बोझ न केवल आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है, बल्कि महंगाई भी लगातार बढ़ रही है। खेतों के लिए महंगे भाव का डीजल इस्तेमाल करना किसानों की मजबूरी है। सरकार एक तरफ धान सीजन के दौरान पर्याप्त बिजली सप्लाई नहीं दे रही, वहीं तेल की कीमत को बढ़ाया जा रहा है। किसानों को महंगे दाम पर डीजल खरीदकर अपनी फसल लगानी पड़ रही है। केंद्र सरकार जानबूझकर आम जनता व किसानों को लूटने में लगी हुई है, जबकि इसका फायदा पूंजीपतियों को मिल रही है। पंजाब में तेल की कीमतें अन्य राज्यों से अधिक हैं। ऐसे में 26 जून को पंजाब के राज्यपाल को चंडीगढ़ में तीनों कानून रद करने संबंधी ज्ञापन सौंपा जाएगा, ताकि उनकी मांगें देश के राष्ट्रपति तक पहुंच सकें। उन्होंने तीनों कानून रद करने, महंगाई को काबू करने, सफाई सेवकों की मांगें पूरी करने की मांग की। इस मौके पर किसान निर्मल सिंह, कुलदीप सिंह, महिदर सिंह, जोगिदर सिंह, रोही सिंह आदि ने कहा कि जब तक कानून रद नहीं होते धरना जारी रहेगा।