किसानों ने घेरा खेतीबाड़ी दफ्तर, मुआवजा देने की मांग

संगरूर हैपीसीडर से गेहूं की सीधी बिजाई करने पर सैनिक सुंडी की चपेट में आई गेहूं की फसल।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 05:58 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 10:44 PM (IST)
किसानों ने घेरा खेतीबाड़ी दफ्तर, मुआवजा देने की मांग
किसानों ने घेरा खेतीबाड़ी दफ्तर, मुआवजा देने की मांग

जागरण संवाददाता, संगरूर

हैपीसीडर से गेहूं की सीधी बिजाई करने पर सैनिक सुंडी की चपेट में आई गेहूं की फसल से प्रभावित किसानों ने बुधवार को भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिदर सिंह उगराहां की अगुआई में जिला मुख्य खेतीबाड़ी दफ्तर का घेराव किया।

किसानों ने खेतीबाड़ी विभाग पर आरोप लगाया कि खेतीबाडी यूनिवर्सिटी की सिफारिशों पर किसानों ने पराली को आग न लगाकर सीधे हैपीसीडर से गेहूं की बिजाई की थी, लेकिन यूनिवर्सिटी की यह विधि सरासर नाकाम साबित हुई और पराली के अवशेषों में मौजूद सुंडी ने गेहूं की फसल को खराब कर दिया। जिला संगरूर में 3830 एकड़ फसल सुंडी की भेंट चढ़ गई है, लेकिन अभी तक विभाग ने इस पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई, जबकि विभाग इसे कुदरती आपदा का नाम दे रहा है। किसानों ने प्रभावित हुई फसल का तुरंत मुआवजा देने, दोबारा बिजाई का खर्च देने की मांग की। साथ ही एलान किया कि यदि सरकार ने जल्द किसानों को मदद प्रदान नहीं की तो 30, 31 दिसंबर व एक जनवरी को पक्के तौर पर खेतीबाड़ी दफ्तर के समक्ष मोर्चा लगाएंगे। घेराव के दौरान खेतीबाड़ी दफ्तर में डीएसपी सतपाल शर्मा की अगुआई में भारी पुलिस बल तैनात रहा।

धरने को संबोधित करते हुए भाकियू उगराहां के प्रांतीय प्रधान जोगिदर सिंह उगराहां ने कहा कि पराली जलाकर गेहूं की फसल की बिजाई करना किसानों की मजबूरी है, लेकिन सरकार ने कानून की मदद से किसानों पर पराली को आग न लगने का दबाव बनाया। खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी ने किसानों को हैपीसीडर से खेती करने की सलाह दी। अधिकतर किसानों ने इस विधि को अपनाकर बिजाई की, लेकिन इस गेहूं की फसल को गुलाबी व सैनिक सुंडी ने कुछ ही समय में खराब कर दिया। किसानों का प्रति एकड़ चार हजार रुपये का नुकसान हुआ है। गुलाबी सुंडी ने पिछले वर्ष भी किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन विभाग कुंभकर्णी नींद सोता रहा। पुलिस प्रशासन ने किसानों पर पराली जलाने व कंबाइन से कटाई करने पर मामले दर्ज किए, जबकि अब किसानों की फसल के हुए नुकसान पर सरकार चुप है। जिला प्रधान अमरीक सिंह गंढ़ुआं, प्रांतीय उपप्रधान जनक सिंह भुटाल कलां व प्रांतीय नेता सोमा सिंह लोंगोवाल ने कहा कि अब किसानों को गेहूं की फसल खराब होने पर दोबारा बिजाई करनी होगी, जिससे किसानों पर दोहरी मार पड़ेगी। पहले से ही किसान कर्जे के बोझ तले दबे हैं व दोबारा बिजाई की खर्च उठाना किसानों के लिए आसान नहीं है। इसके चलते किसान तुरंत किसानों को दोबारा बिजाई का खर्च, गेहूं के मुफ्त बीज, देरी से बिजाई कारण कम होने वाले झाड़ के मद्देनजर आठ हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, बिजाई के लिए दिन के समय निर्विघ्न बिजली सप्लाई देने, पराली जलाने के किसानों पर दर्ज हुए मामले रद करने की मांग की। इस मौके पर जिला महासचिव दरबारा सिंह छाजला,जगतार सिंह कालाझाड़, धरमिदर सिंह, सरबजीत सिंह, हरबंस सिंह लड्डा, कृपाल सिंह धूरी, गुरमेल सिंह, गोबिदर सिंह मंगवाल, मनजीत सिंह, रामशरण सिंह उगराहां उपस्थित थे।

जिला मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है उनकी रिपोर्ट बनाकर भेजी जाएगी। साथ ही प्रभावित किसानों को कम समय में गेहूं की फसल तैयार करने के लिए बीज मुफ्त में विभाग द्वारा दिया जाएगा। किसानों की हर प्रकार से मदद की जाएगी, किसानों का किसी प्रकार का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

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